उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिथौरागढ़ जिले में हॉस्पिटलों और लैबों का मैडिकल वेस्ट नदी नालों में, गड्डों और नगर पालिका के कूड़े के डिब्बों समेत खुले में डालने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य प्रदूषण बोर्ड से रिपोर्ट पेश करने को कहा। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा कि उन्होंने कितने सफाई कर्मचारियों को टिटनेश और हैपेटाइटिस बी के इंजेक्शन लगाए हैं ? इसपर शपथपत्र दें। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल माह में होनी तय हुई है।
मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ को याचिकाकर्ता ने बताया कि मैडिकल वेस्ट के लिए जितने भी पिट बनाये गए हैं वे बॉयोमेडिकल रूल्स 2016 के तहत नहीं बने हैं और न ही सफाई कर्मचारियों को टिटनेश व हैपेटाइटिस बी के इंजेक्शन लगाए गए है।
इसपर न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि उन्होंने कितने सफाई कर्मचारियों को ये इंजेक्शन लगाए हैं, इसपर जवाब पेश करें। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी डॉक्टर राजेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि पिथौरागढ़ जिले में मैडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कोई सुविधा नहीं है।
जिसकी वजह से सरकारी, प्राइवेट हॉस्पिटल और पैथ लैब का मैडिकल वेस्ट इनके द्वारा खुले में, नदी, नालों, गड्डों और नगर पालिका के कूड़े के डिब्बों में डाला जा रहा है। इसकी वजह से बीमारी फैलने की संभावना बढ़ रही है। इस वेस्ट को जानवर खा रहे है उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
जिले में लगभग 20 पैथ लैब संचालित हैं। इनका स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड में रजिस्ट्रेशन तक नही है। सी.एम.ओ.पिथौरागढ़ ने भी स्वीकार किया है कि जिले में मैडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें वेस्ट निस्तारण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और अन्य हॉस्पिटल भी वेस्ट को इधर उधर डाल रहे हैं।
जनहित याचिका में न्यायालय से प्राथर्ना की गई है कि पिथौरागढ़ राज्य का सीमांत जिला होने के कारण जिले में एक कॉमन मैडिकल वेस्ट सेंटर बनाने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाएं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]