नैनीताल : जंगलों की आग बुझाने के लिये वायुसेना के M-I 17 हेलीकॉप्टर ने संभाला मोर्चा..Video

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उत्तराखण्ड के नैनीताल व आसपास के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए सरकार ने एयरफोर्स का एम.आई.17 हैलीकॉप्टर लगा दिया है। रविवार सवेरे से शुरू हुए इस मिशन में हैलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरा और पाइंस क्षेत्र में आग बुझाई। इससे पहले भी वर्ष 2019/21 में अनियंत्रित वनाग्नि के चलते एम.आई.17 हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था।


नैनीताल से लगे पाइंस, भूमियाधार, ज्युलिकोट, नारायणनगर, भवाली, रामगढ़, मुक्तेश्वर आदि के जंगल इनदिनों बुरी तरह से धधक रहे हैं। इस वर्ष बरसात नहीं के बराबर होने के कारण सूखे जंगल जगह जगह जल रहे हैं, जिसपर काबू पाने के लिए दमकल विभाग और वन विभाग ने पूरा जोर लगा दिया है।

आग इतनी तेज है कि दोनों विभागों के अलावा आर्मी के जवान भी इसपर काबू पाने के लिए जुट गए हैं। मुख्यमंत्री और प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच गहन मंत्रणा के बाद निर्णय लिया गया कि आग पर हवा से काबू पाने के लिए एयरफोर्स के हैलीकॉप्टर की मदद ली जाए। लिहाज,शुक्रवार शाम एक एम.आई.17 हैलीकॉप्टर नैनीताल पहुंचा। शनिवार सवेरे हवा और पानी की व्यवस्था देखने के बाद लगभग 7 बजे हैलीकॉप्टर ने भीमताल झील से बकेट(बाल्टी)में पानी भरा और मिशन पर निकल गया।

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एस.डी.एम.प्रमोद कुमार ने बताया कि पाइंस से लेकर लड़ियाकांटा के जंगलों में आग अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है, जिसे बुझाने के लिए हैलीकॉप्टर को भेजा गया है।


बात दें कि इससे पहले भी वर्ष 2019 और 2021 के फायर सीजन में इसी तरह अनियंत्रित आग पर काबू पाने के लिए एम.आई.17 हैलीकॉप्टर बुलाया गया था।

बेकाबू हो रही जंगलों में धधकती आग

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण हो गई है। वहीं कुमाऊं में जंगल धधक रहे है। आग की घटनाएं लगातार जारी हैं। बीते 24 घंटे में एक-दो नहीं बल्कि कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर आग लगी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। गढ़वाल मंडल में कोई भी घटना नहीं हुआ है, जबकि वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं।

इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है।वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।

इस वर्ष बारिश व बर्फबारी न होने गर्मी अधिक होने लगी है। बढ़ते तापमान के बीच नैनीताल व आसपास के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। खड़ी पहाड़ियों में आग लगने के चलते वह विभाग व दमकल विभाग की टीम भी कई स्थानों पर आग पर काबू नहीं पा सकी है। जिसके चलते जंगल जलकर राख हो चुके हैं। अब आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

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वनाग्नि की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी


सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हल्द्वानी आएंगे। अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को 3ः30 बजे काशीपुर हैलीपैड से प्रस्थान कर 3ः45 बजे फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी पहुचेंगे। यहां फाॅरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी सभागार में पेयजल व्यवस्था व वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक करेंगे। साथ ही समस्या ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद शाम 5ः45 बजे एफटीआई हैलीपैड से खटीमा के लिए प्रस्थान करेंगे। 

वहीं, गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगलहोने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसीर जगह भड़क उठती है। आग से बड़ी  मात्रा में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं पशुओं के लिए चारे की समस्या भी खड़ी हो गई है। 

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अपडेट – वायु सेवा के हेलीकॉप्टर की मदद से काफी हद तक आग पर पाया गया काबू

उत्तराखण्ड में नैनीताल के जंगलों की आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। आज सवेरे से ही एम.आई.17 ने भीमताल झील से बकेट में पानी भरा और पाइंस और लडियाकांटा के जंगल में बौछार कर आग बुझाने का काम किया। डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि उनकी टीमें हर आग वाले स्थल में मौजूद हैं और उसे बुझाने में जुटे हैं।

उन्होंने पाइंस और लाडियाकांटा के जंगल में 30 लोग लगाकर आग पर काबू पाया। इसके साथ ही एरीज, बारहपत्थर, बल्दीयाखान आदि क्षेत्रों में आग बुझाकर बची हुई आग पर भी नियंत्रण किया जा रहा है। कहा कि अब ‘मौपिंग अप’ एक्सरसाइज चल रही है जिससे दोबारा लगने वाली आग और धुएं पर नजर रखकर नियंत्रण किया जा रहा है।

उन्होंने ये भी कहा कि अब जो काम एयरफोर्स और प्रशासन कर रहा है, उसमें वो सहयोग कर रहे हैं। सरकार ने उस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए खुद हैलीकॉप्टर भिजवाया और ये मिशन शुरू हुआ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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