उत्तराखंड के जंगलों में आग हर साल आने वाली ऐसी आपदा है जिसमें इंसानी दखल मुख्य कारण माना जाता है. हर साल सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग से ख़ाक हो जाते हैं और इससे जैव विविधता, पर्यावरण और वन्य जीवों का भारी नुक़सान होता है।
हर साल आग लगने पर कई सवाल पूछे जाते हैं, उनके जवाब तलाश जाते हैं लेकिन शायद जंगलों की आग को रोकने पर काम नहीं होता।
धधक रहे जंगल पहाड़ों पर धुआं धुआं
गर्मी का सीजन शुरू होते ही उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे है. अब तक लगभग 436 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हो चुका है. जंगलों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए वन महकमा लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन जंगल की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक आग जारी है।
आग से पहाड़ धुआं-धुंआ हो रहे हैं राज्य में गर्मी तेज़ी से बढ़ने लगी है साथ ही जंगल की आग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं शुक्रवार को वनाग्नि की 10 घटनाएं हुईं, जो शनिवार को बढ़कर 22 हो गई थी जिसके बाद प्रदेश भर में अब तक कुल 373 हो चुकी है।
घटनाओं की अगर बात की जाए तो गढ़वाल में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में जंगल में आग का एक मामला से आया तो वही नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में एक, राजाजी टाइगर रिजर्व में एक, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में एक और लैंसडाउन वन प्रभाग में दो मामले सामने आए है।
जबकि, रामनगर वन प्रभाग में एक, तराई पूर्वी वन प्रभाग में नौ, हल्द्वानी वन प्रभाग में चार और बागेश्वर वन प्रभाग के आरक्षित क्षेत्र में जंगल की आग का एक मामला सामने आया है. विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कुछ जगहों पर आग काबू में नहीं आ पा रही है. वन विभाग के कर्मचारी स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर परंपरागत तरीके से आग पर काबू में पाने में जुटे है।
वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर हुई 373
उत्तराखंड में जंगल पिछले कुछ दिनों से लगातार धधक रहे है. जिससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. कर्णप्रयाग में गौचर के सामने सारी गांव के जंगलो में शनिवार देर रात से आग लगी है. आग के चलते कई हेक्टेयर जंगल जल कर राख हो चुके है।
आग पर काबू पाने में अभी भी पूरी कामयाबी नहीं मिल पाई है. वहीं शनिवार देर शाम तक प्रदेश भर में जंगल में आग की 22 घटनाएं सामने आई. इसे मिलाकर वनाग्नि की घटनाएं अब बढ़कर 373 हो गई है।
436 हेक्टेयर वन हो चुके है प्रभावित
उत्तराखंड के जंगलों में अब तक 436 हेक्टेयर वन प्रभावित हो चुके है. अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एक नवंबर 2023 से अब तक जंगल में आग की 373 घटनाएं हो चुकी हैं।
जिससे 436 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है वन विभाग का कहना है की जंगल की आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए काउंटर फायर का भी तरीका आजमाया जा रहा है लेकिन कई क्षेत्रों में आग अभी तक काबू में नहीं आ पा रही है।
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