योगी की हुक़ूमत का बजा डंका , तो पंजाब में आप की तारीख़ी लहर. धूल चाट गए दिग्गज

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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. चार राज्यों में बीजेपी सत्ता पर काबिज होने जा रही है तो एक राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जीत हासिल की है, वहीं आप को पंजाब में बंपर जीत मिली है. इस चुनाव में कई चीजें ऐसी हुईं हैं जो पहली बार घटी हैं. 

  • यूपी में 37 साल बाद ऐसा हो रहा है कोई सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता में वापस आ रही है. बीजेपी ने 403 सीटों में 273 पर जीत हासिल की है. 
  • पंजाब में आप की एतिहासिक जीत
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पंजाब में आप की झाड़ू ऐसी चली कि विपक्ष के कई दिग्गज नेता साफ हो गए. अरविंद केजरीवाल की इस पार्टी ने 117 में से 92 पर जीत हासिल की है. आप ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ही पंजाब में अच्छा प्रदर्शन करके ये बता दिया था कि वह यहां पर कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के लिए मुश्किलें खड़ी करनी वाली है. उस चुनाव में आप ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में आप को 20 सीटों पर जीत मिली.

  • आप के 6 उम्मीदवार इस चुनाव में वो कर दिखाए जो पिछले कई वर्षों में कोई नेता नहीं कर पाया था. आप के इन उम्मीदवारों ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को मात दी है. 
  • भदौर सीट पर मोबाइल रिपेयर शॉप के मालिक लाभ सिंह ने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी को हराकर हैरान कर दिया. 
  • अमृतसर ईस्ट सीट पर जीवन ज्योत कौर ने नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम मजीठिया को पटखनी देकर स्टार बन गईं.
  • वहीं, पटियाला में अजीत पाल सिंह कोहली ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को शिकस्त दी.
  • चमकौर साहिब सीट पर कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी को आप के चरणजीत सिंह चन्नी से मात मिली. इसके अलावा जगदीप कंबोज ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से विधायकी छिनी. 
  • -योगी आदित्यनाथ लगातार दो बार मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले बीजेपी के पहले नेता होंगे. उन्होंने ना सिर्फ पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, बल्कि सत्ता में भी वापसी की. 
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कैसे मिली बीजेपी को ऐतिहासिक जीत


बेरोजगारी और तीन कृषि कानूनों पर किसानों के विरोध के साथ कोविड महामारी की दूसरी लहर को गलत तरीके से संभालने के लिए यूपी प्रशासन को आलोचना का सामना करना पड़ा. लेकिन
के प्रशासन ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से आलोचना को दूर करने का फैसला किया, जैसा कि चुनावी नतीजों के आंकड़ों से पता चलता है. योगी प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि बीजेपी नीत केंद्र द्वारा चलाई जा रही सामाजिक कल्याण योजनाओं के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का प्रभाव जनता तक एकरूपता के साथ पहुंचे.

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