अब आप सोच रहे होंगे कि यह मामला क्या है जैसा कि अमूमन होता है स्कूल के दिन, शिकायतों के दिन भी होते हैं. बच्चे एक दूसरे की शिकायत करते हैं. टीचर और मां-बाप एक दूसरे से बच्चे की शिकायत करते हैं. और कभी कभी पूरे स्कूल की ही शिकायत कर दी जाती है. जी. ये एक नया ट्रेंड है. जिसकी ताज़ा मिसाल आई है उत्तराखंड के देहरादून से. बच्चे ने अपने मां-बाप को अम्मी-अब्बू क्या बोल दिया, वो शिकायत लेकर कलेक्टर के यहां पहुंच गए।
मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है यहां रहने वाले मनीष मित्तल ने अपने बेटे का एडमिशन आईसीएसई बोर्ड के स्कूल में कराया।उन्हें लगा कि बच्चे का फ्यूचर सेट हो जाएगा, लेकिन पिछले दिनों बच्चे ने उन्हें झटका दे दिया। अपने पैरेंट्स को मम्मी-पापा कहकर बुलाने वाला 7 साल का बच्चा अचानक उन्हें अम्मी-अब्बू बोलने लगा। माता-पिता बच्चे में आए इस बदलाव से हैरान थे। जब बच्चे से पूछा गया कि वो ये सब कहां से सीख रहा है तो पता चला कि उसकी अंग्रेजी की किताब में माता-पिता को अम्मी-अब्बू लिखा गया है। इसीलिए बच्चा पैरेंट्स को अम्मी-अब्बू बुलाने लगा। बच्चे में आए इस असामान्य बदलाव से मनीष बेहद परेशान हो गए। अब उन्होंने इसकी शिकायत जिलाधिकारी सोनिका से की है। उन्होंने बताया कि उनका सात साल का बेटा आईसीएसई बोर्ड के स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता है।
जानकारी के मुताबिक मनीष मित्तल नाम के एक व्यक्ति का बेटा अचानक उन्हें अब्बू और अपनी मां को अम्मी बोलने लगा, तो मनीष की धार्मिक भावनाएं आहत हो गईं. उन्होंने दूसरी क्लास में पढ़ रहे अपने बच्चे से पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहा है. तो उन्हें पता चला कि बच्चे की अंग्रेजी की किताब में एक कविता है, ‘टू बिग टू स्मॉल’ नाम की. लावण्या कार्तिक की लिखी इस कविता में एक छोटी सी बच्ची इस सवाल से जूझ रही है कि वो बड़ी हो गई है या अभी छोटी ही है. मां कहती है कि वो शानू को गोद में नहीं उठा पाती, क्योंकि वो बहुत बड़ी हो गई है. लेकिन पिता कहते हैं कि शानू अकेले स्कूल नहीं जा सकती, क्योंकि अभी बहुत छोटी है. बातचीत का यही क्रम दादा और दादी के साथ भी चलता है.
इस कविता में शानू अपनी मां को अम्मी कहती है और पिता को अब्बू. दादा को दादा, और दादी को दादी. आखिर में अब्बू, अम्मी, दादा और दादी जैसे शब्दों के अर्थ भी बताए गए हैं. इसी को लेकर मनीष मित्तल ने जिलाधिकारी सोनिका के पास शिकायत दर्ज कराई है.
इस पुस्तक का प्रकाशन ओरिएंट ब्लैक स्वान हैदराबाद ने किया है। मनीष ने कहा कि ऐसी किताबों की जांच होनी चाहिए, इन पर रोक लगाई जानी चाहिए। बहरहाल शिकायत मिलने पर डीएम ने मामले की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। उन्हें एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
स्कूल की किताब के बारे में शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी सोनिका ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को मामले की जानकारी दी. जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंपी है. और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
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