बीजेपी को 2014 के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव 2024 में बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में सरकार बनाने के लिए बीजेपी की निर्भरता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दलों पर बढ़ गई है।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद अब नई सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नरेंद्र मोदी अब 8 जून को नहीं बल्कि 9 जून तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। जिसकी भव्य तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शपथ ग्रहण कहां होगा यह अभी क्लियर नहीं है। हालांकि इस बात की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
BJP को नए मंत्रीमंडल में काफी समझौता करना पड़ सकता है. मतलब कि इन पार्टियों को कुछ बड़े मंत्रीपद सौंपने पड़ सकते हैं. इसको लेकर TDP और JDU की तरफ से डिमांड भी रखे जाने की बात सामने आ रही है।
एनडीए में शामिल विभिन्न पार्टियों ने ये तो साफ कर दिया है कि वो नरेन्द्र मोदी के साथ हैं. इस बीच एनडीए में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है।
जेडीयू ने कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर फिर से सोचने की जरूरत है. समान नागरिक संहिता (UCC) पर सभी राज्यों से बातचीत की जानी चाहिए. वहीं, टीडीपी (TDP) केंद्र में कई अहम मंत्रालय चाहता है।
टीडीपी – जेडीयू ने क्या कहा ? ..
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने आज तक से बात करते हुए कहा, ”अग्निवीर योजना को लेकर बहुत विरोध हुआ था. चुनाव में भी इसका असर देखने को मिला है. ऐसे में इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है. अग्निवीर योजना को लेकर नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि यूसीसी पर हमारा रुख पहले वाला ही है. यूसीसी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने विधि आयोग के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखते हुए कहा था कि जेडीयू इसके खिलाफ नहीं है, लेकिन सभी पक्षो से बात होनी चाहिए।
JDU – टीडीपी ने क्या डिमांड की है?
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टीडीपी (TDP) केंद्र में लोकसभा स्पीकर का पद और 6 महत्वपूर्ण मंत्रालय चाहता है. वो इसे पांच करने के लिए राजी है।
सूत्रों से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक तेलगु देशम पार्टी सड़क- परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, जल शक्ति, सूचना एवं प्रसारण और शिक्षा मंत्रालय की डिमांड कर सकती है. इसके अलावा पार्टी की तरफ से लोकसभा स्पीकर के पद की मांग भी की गई है. इसके साथ ही TDP राज्य के लिए स्पेशल स्टेट्स की मांग भी कर सकती है. पार्टी की तरफ से ये काफी पुरानी मांग रही है।
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक JDU यानी जनता दल यूनाइटेड की नजर तीन मंत्री पदों पर है. इसमें रेल मंत्रालय के अलावा ग्रामीण विकास और जल शक्ति मंत्रालय भी शामिल है. रिपोर्ट में बताया गया है कि JDU के अन्य विकल्प सड़क परिवहन और कृषि मंत्रालय हो सकते हैं. रिपोर्ट में एक JDU नेता के हवाले से लिखा गया कि बिहार में जल संकट के साथ-साथ घटते जलस्तर और बाढ़ की चुनौतियों का सामना करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय महत्वपूर्ण है. जबकि रेलवे मंत्रालय मिलना निश्चित रूप से बिहार के लिए गर्व की बात होगी. साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. इसके अलावा कई रिपोर्ट्स में ये भी बताया जा रहा कि JDU बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की डिमांड भी कर सकती है।
इन दोनों पार्टियों के अलावा NDA में शामिल बाकी पार्टियां भी एक या उससे ज्यादा मंत्रालय मांग सकती है. शिवसेना (शिंदे गुट) 1 कैबिनेट और 2 MOS, जबकि चिराग पासवान 1 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर सकते हैं. जबकि एकमात्र सीट पर लड़ने और उसे जीतने वाली HAM भी एक मंत्रीपद की डिमांड रख सकती है. ऐसे में मंत्रीपद का बंटवारा कैसे होगा, इस बार ये देखना दिलचस्प होने वाला है।
टीडीपी और जेडीयू क्यों जरूरी है?
केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की जरूरत है और बीजेपी ने 240 सीटें जीती हैं. ऐसे में एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और लोजपा (रामविलास) सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
टीडीपी, जेडीयू, शिंदे नीत शिवसेना और लोजपा (रामविलास) ने क्रमश: 16, 12, 7 और 5 लोकसभा सीटें जीती हैं।
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