उत्तराखंड के नैनीताल में आज ‘नैनीताल बचाओ नशा हटाओ’ संगठन के लोगों ने सरकारी महकमे के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर नशे के खिलाफ ठोस कदम उठाने और जागरूकता लोगों में लाने पर चर्चा की। इसमें नशा जागरूकता सप्ताह मनाते हुए स्कूली बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करने पर जोर दिया गया।
केंद्र सरकार की लेटेस्ट सर्वे रिपोर्ट में ऊत्तराखण्ड नशे के रेड ज़ोन में है और इसमें नैनीताल का नंबर सबसे ऊपर अलर्ट में है।
नैनीताल में मल्लीताल के एक क्लब में हुई बैठक में जिला समाज कल्याण, स्वास्थ्य और पर्यटन विभाग के साथ ‘जय श्री राम सेवा दल’, ‘हनुमान भक्त’ और ‘मिशन मेरा पहाड़’ के सदस्यों ने बैठक की। लगभग डेढ़ घंटे चली इस बैठक में शहर में बढ़ते नाएशे पर काबू करने और इसकी चपेट में आए आस्वस्त बच्चों को मदद करने पर जोर दिया गया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने मौजूद लोगों को बताया कि उनके विभाग ने नशे की रोकथाम के लिए कई जगह जागरूकता अभियान चलाए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की लेटेस्ट सर्वे रिपोर्ट में ऊत्तराखण्ड नशे के रेड ज़ोन में है और इसमें नैनीताल नंबर वन पर है। उन्होंने कहा कि अब सरकार का फोकस नैनीताल को केंद्र बिंदु मानते हुए सबसे पहले इसे बचाने का है।
‘नैनीताल बचाओ नशा भगाओ’ के फाउंडर मेम्बर अधिवक्ता नितिन कार्की ने कहा कि एक मैराथन कराई जाए जिसके लिए एक हफ्ते पहले पोस्टर, बैनर, वाल पेंटिंग, वाक प्रतियोगिता कराकर बच्चों को इस जागरूकता ड्राइव में जोड़ा जाए। उन्होंने समाज कल्याण विभाग से डॉक्यूमेंट्री बनाकर सूखे और खतरनाक नशे स्मैक से युवाओं की जान जाने की हकीकत दिखाने को कहा।
‘जय श्री राम सेवा दल’ के महासाचीव अनिल ठाकुर ने कहा कि खेल को बढ़ावा देने के एक डॉक्यूमेंट्री बनाकर बचूं को नशे के दुष्परिणाम बताना है। सदस्य किशोर ढेला ने कहा कि कॉलेज के इलेक्शन में पोस्टर बैनर लगाकर छात्र छात्राओं को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक कराएं।
भाजपा नेता मंनोज जोशी ने कहा कि नशे को स्कूलों में एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जाए और स्कूलों की एन्टी ड्रग कमिटी समय समय पर इसे चैक करे। कहा कि इन सभी कदमों को कुछ कुछ समय के बाद फॉलो अप के रूप में चैक किया जाए। मंनोज ने बताया कि नैनीताल में नशा बहुत कम करके इसे देशभर में एक मॉडल के रूप में रखा जाएगा।
बैठक में आई स्वास्थ्य विभाग की एन.टी.सी.पी. की जिला सलाहकार डॉ.सुनीता भट्ट ने कहा कि बच्चों को उड़ता पंजाब और संजू जैसी मूवी दिखाएं तांकि उन्हें नशे के सौदागरों की हकीकत समझ में आए और वो इसके चंगुल से बचे रहें। जिला समन्वयक ‘नशा मुक्त भारत’ काउंसलर डॉ.कोमल शर्मा ने बताया की पहले से 20 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे नशा छुड़ाने के लिए आते थे लेकिन अब 14 की उम्र से ही बच्चे आने लगे हैं।
घरवालों की एक्सपेक्टेशन(उम्मीद)से दबे बच्चे स्मैक का सहारा लेते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सभासदों के साथ मीटिंग करना, एडिक्ट से चिढ़ना नहीं, उनके साथ बात करना मददगार रहेगा। कहा कि वॉल पेंटिंग में कोई टॉपिक लेकर बच्चों तक पहुंचना है। इसमें स्लोगन की जगह फ़ोटो बनाई जाए।
प्राइमरी के बच्चों को अलग और कॉलेज को अलग रखा जाए। वॉलंटियरों को ट्रेनिंग देनी पड़ेगी की वो सीनियर स्टूडेंटों को समझाकर, जूनियरों पर नजर रखें। सभी ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करनी होगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपंकर घिल्डियाल ने भी सभी बातों पर सहमति जताते हुए कहा कि नैनीताल को प्राथमिकता रखते हुए एक ठोस योजना बनाई जाएगी जिसमें सरकार के विभिन्न अंग अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
बैठक में मंनोज कुमार, पंकज बिष्ट, हरीश जोशी, विककी सोनकर, हरीश राणा, सुनील बिष्ट, सोनू कुमार, टायसन समेत अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी एम.चांद और पर्यटन विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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