हाईकोर्ट – वन भूमि पर मज़ारें तोड़ने पर रोक संबंधी याचिकाएं खारिज

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वनभूमि में अतिक्रमण के नाम पर मजार, मस्जिद आदि को तोड़े जाने से पूर्व उनका सर्वे किये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सभी पक्षो को सुनने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।


मामले के अनुसार नैनीताल जिला निवासी तफ्फजूल हुसैन अंसारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार अतिक्रमण के नाम पर वक्फ सम्पत्ति का सर्वे किए बिना ही उन्हें तोड़ रही है । जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कर नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में PM मोदी के ये हैं ज़बरदस्त फैन..401 कमल की माला करेंगे भेंट

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने 2016 में नियमावली बनाई, लेकिन सरकार अपनी ही नियमावली का उल्लंघन कर रही है। राज्य में वक्फ सम्पत्ति का सर्वे अभी तक नहीं हुआ है और सरकार ने एक हजार से अधिक मजार व मस्जिद तोड़ दिए हैं। इसपर रोक लगाई जाए और सरकार को वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे करने और अबतक तोड़ी गई मजारों को पुनः स्थापित करने के लिए निर्देशित करने की मांग की गई थी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड : शर्मनाक - बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी_बदला लेने के लिए मामा ने ही ट्रैप बनाया,हैवानियत ..

न्यायालय ने वक्फ बोर्ड, राज्य सरकार और याचीकाकर्ता को सुनने के बाद जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सिद्धारत साह ने बताया कि न्यायालय में तर्क रखने पर उन्होंने कोई राहत देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *