पेड़ों को काटने पर उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा सजा का प्रावधान खत्म किए जाने के फैसले का धीरेंद्र प्रताप ने किया विरोध, वनों के कटान पर राज्य सरकार का सजा का प्रावधान समाप्त किए जाने का फैसला दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है इससे राज्य की 66 फ़ीसदी वनशक्ति को भारी नुकसान पहुंचेगा और तस्करों को वनों की भारी लूट की एक तरह से आजादी मिल जाएगी उन्होंने आज के दिन को काला दिन और कहा 20 मार्च को राज्य भर में आंदोलनकारी धामी सरकार के दहन करेंगे पुतले ।
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता
और चिन्हित राजा अलंकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज राज्य कैबिनेट द्वारा पेड़ों को काटे जाने के दोषियों को सजा का प्रावधान समाप्त किए जाने के फैसले का विरोध करते हुए सरकार के इस फैसले को और अदूरदर्शिता पूर्ण और मूर्खतापूर्ण ठहराया है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उत्तराखंड करीब 66 फ़ीसदी वनों से घिरा हुआ है ऐसे में वन हमारी अर्थव्यवस्था के वर्षों से मूल स्त्रोत बने हुए हैं परंतु जिस तरह से आज सरकार ने राज्य के दीर्घकालिक हितों की उपेक्षा कर वृक्षों को काटने वालों को जुर्माने की दुगनी राशि देकर प्रोत्साहित करने का फैसला किया है, इसके दूरगामी परिणाम राज्य में होंगे और इससे राज्य में वृक्षों की तस्करी और बेरहमी से कटान को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा इसके पीछे वन अधिकारियों की लॉबी का भी हाथ दिखाई देता है उन्होंने पिछले वर्षों में अनेकों जगह गैर जिम्मेदारी से आर्थिक हितों के लिए पेड़ों का भारी अवैध कटान किया और जब सजा के मुहाने पर वे खड़े हैं तो कैबिनेट से अपने पक्ष में फैसला कराने की साजिश में सफल हो गए हैं।
उन्होंने कहा उत्तराखंड की जल जंगल जमीन ही सबसे बड़ी धरोहर है और जिस तरह से जंगलों के कटान पर आज सरकार ने सरेंडर करने के अंदाज़ मुहर लगा दी है उससे जाहिर हो गया है कि राज्य का भविष्य खतरे में पड़ गया है और पर्यावरण में भी जो उत्तराखंड का योगदान है उस पर भी खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने आज के दिन को काला दिन बताया है और सरकार के इस फैसले के विरोध में 20 मार्च को राज्य आंदोलनकारियों द्वारा धामी सरकार के राज्य भर में पुतले फूंकने का ऐलान किया है।
आपको बताते चलें आज धामी सरकार के मंत्री मंडल की बैठक में दिए गए हैं यह अहम फैसले
1- राज्य कैबिनेैट की बैठक में पर्यटन नीति 2023 प्रख्यापित की गई है।
2- धामी कैबिनेट ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया है।
3- उत्तर प्रदेश निजी वन अधिनियम में सजा का प्रावधान हटाकर वित्तीय दण्ड बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। फैसला ये लिया गया कि फारेस्ट में पेड़ काटने पर जुर्माना अब दोगुना होगा। ये भी तय किया गया है कि जुर्माने के बाद जेल नहीं होगी।
4- धामी कैबिनेट में पर्यटन ऑपरेशनल गाइडलाइन नीति 2018 में संशोधन किया गया है।
5- पी. एम.जी.एस. वाई के 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में लिया गया है।
6- कर्मचारी मृत सेवा आश्रित नियमावली में अब विधवा पुत्रवधु को भी जोड़ा गया।
7- कैबिनेट ने फैसला किया है कि PWD के संविदा के जेई को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रखा जाएगा
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