सावधान : नैनीताल समेत इन जिलों के अधिकारियों को किया गया ‘हाई अलर्ट’- भारी बारिश की चेतावनी..यहां ढाया कुदरत ने कहर..

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उत्तराखंड : राज्य में मानसून की दस्तक के साथ ही महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है उत्तराखंड में मानसून के ताजा अपडेट के मुताबिक आज शाम 5:30 बजे मौसम विभाग देहरादून ने अपडेट जारी कर अगले पांच दिन राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसमें मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक 2 जुलाई को राज्य के देहरादून , नैनीताल ,ऊधमसिंह नगर,चंपावत ,बागेश्वर जनपद में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। जिसके मद्देनजर जनपदों के सभी अधिकारियों को हाई अलर्ट मोड पर तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं

3 जुलाई को देहरादून ,नैनीताल ,चंपावत ,बागेश्वर जनपद में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है जिसको लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मुताबिक आगामी 4 जुलाई को राज्य के कुछ पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।जबकि 5 और 6 जुलाई को देहरादून ,टिहरी ,पौड़ी ,नैनीताल ,चंपावत जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है तथा सतर्क रहने की सलाह दी है। 5 और 6 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड में लैंडस्लाइड के चलते 83 सड़कों पर यातायात प्रभावित, नेशनल हाईवे पर लगाईं 113 मशीनें

उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ ही भूस्खलन के कारण सड़कों के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है. क्रॉनिक लैंड स्लाइड जोन ज्यादा दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. शुक्रवार को चमोली जिले में सिरोहबगड़ में फिर मलबा आने से ऋषिकेश- बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-58) फिर अवरुद्ध हो गया. लोनिवि की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 83 सड़कें बंद हैं. इसी दिन कुल 81 सड़कें भी खोली गईं. 

मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हुई सड़कें 
इसके अलावा नौ राज्य हाईवे, 10 मुख्य जिला मार्ग, चार अन्य जिला मार्ग, 40 ग्रामीण सड़कें और पीएमजीएसवाई के तहत 20 सड़कें पहाड़ियों से मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गईं. बंद सड़कों को खोलने के काम में कुल 289 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है. इनमें सबसे अधिक 113 मशीनों को नेशनल हाईवे पर लगाया है. इधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी वर्षा से कुछ जिलों में पेयजल और विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है, जिन्हें सुधारने का काम किया जा रहा है. 

लगातार की जा रही मॉनीटरिंग
साथ ही नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. विभागाध्यक्ष और प्रमुख अभियंता लोनिवि अयाज अहमद ने बताया कि क्रॉनिक लैंड स्लाइड जोन बारिशों के साथ फिर सक्रिय हो गए हैं. विभाग की ओर से बंद सड़कों को कम से कम समय में खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यालय स्तर से इनकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है.

यमुनोत्री और गंगोत्री में बर्फबारी जारी, आसमानी बिजली गिरने से 36 भेड़-बकरियों की मौत

यमुनोत्री और गंगोत्री की ऊंची चोटियों पर शुक्रवार रात से हिमपात जारी है. पहाड़ों पर कई जगहों पर बादल छाए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर देर रात से हो रही बारिश से यमुनोत्री राजमार्ग खनेड़ा के पास चट्टान दरकने के कारण बंद हो गया था, जिसे छह घंटे बाद खोला जा सका. शनिवार को यमुनोत्री हाईवे खनेड़ा के पास चट्टान दरकने के कारण अवरुद्ध हो गया था. हाईवे पर सुबह से यातायात ठप था. यमुनोत्री धाम जाने और  आने वाले तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे थे. एनएच की मशीनें हाईवे खोलने में जुटी रहीं. 

छह घंटे की मशक्कत के बाद हाईवे पर यातायात बहाल
एनएच अथॅरिटी ने तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए हाईवे को जल्द खोलने का दावा किया था. छह घंटे की मशक्कत के बाद हाईवे पर यातायात बहाल किया जा सका. वहीं यमुनाघाटी क्षेत्र में देर रात से रुक रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि हाईवे खोल दिया गया है और यातायात सुचारु कर दिया गया है. दूसरी ओर, मोरी ब्लॉक के चांगसिल बुग्याल में बिजली गिरने से 36 भेड़-बकरियां मर गई.

राजस्व विभाग की टीम मौके पर भेजी गई
वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी क्षेत्र के भीतरी गांव के ग्रामीणों की भेड़-बकरियां आजकल चुगान पर बुग्याल क्षेत्र में हैं. भीतरी गांव के प्रधान राजीव कुंवर ने इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी.स्थानीय प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम मौके पर भेज दी है. तहसीलदार चमन सिंह ने बताया कि राजस्व उप निरीक्षक को मौके पर भेज दिया है. 

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