उत्तराखंड : महादेश्वर में फंसे तीर्थ यात्रियों को SDRF ने बेहद मुश्किल हालात में किया रेस्क्यू..Video

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में द्वितीय केदार मद्महेश्वर पैदल मार्ग से लेकर मंदिर तक फंसे 250 श्रद्धालुओं में से 52 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है। ऊखीमठ एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि रविवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के पास पैदल पुल बह गया था। अन्य लोगों को भी जल्द रेस्क्यू कर दिया जाएगा।

रविनार को बारिश से द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर को जोड़ने वाला गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के पास सरस्वती (मोरकंडा) नदी पर बना पुल बह गया था। पुल के बहने से पैदल मार्ग से लेकर मंदिर तक 250 से अधिक श्रद्धालु फंसे गए। प्रशासन ने सभी यात्रियों से नदी का जलस्तर कम होने तक वहीं रुकने की अपील की थी। रविवार रात दो से सोमवार सुबह सात बजे तक मद्महेश्वर घाटी में भारी बारिश हुई थी। 

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पांच घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से गाड़-गदेरों के साथ ही मधु गंगा और सरस्वती नदी में मलबा आने से जलस्तर बढ़ गया। इससे सरस्वती नदी पर बना पैदल स्टील गार्डर पुल का एक हिस्सा बह गया। पुल के बहने से द्वितीय केदार मद्महेश्वर का गौंडार गांव सहित तहसील मुख्यालय ऊखीमठ व जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से संपर्क कट गया है। साथ ही द्वितीय केदार की यात्रा भी ठप हो गई है। वहीं, पुल के दूसरे छोर से लेकर मंदिर तक 250 श्रद्धालु भी फंस गए थे। हालांकि इसमें से 52 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है।

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जनपद रुद्रप्रयाग- मद्महेश्वर में पुल टूटने से फंसे लोगों को SDRF ने किया रेस्क्यू।

बीती 14 अगस्त को मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के वहाँ पर गये यात्री फंसे होने की सूचना SDRF को प्राप्त हुई थी।

SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा अत्यधिक विषम परिस्थितियों में घटनास्थल पर पहुँचकर देखा गया कि वनतोली के पास पूल क्षतिग्रस्त होने से लगभग 200 मीटर मार्ग ध्वस्त हो गया था जिसके दूसरी ओर कुछ लोग फंसे हुए थे। नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ा होने के कारण नदी पार करना संभव नही था। कमान्डेंट सर के निर्देशानुसार टीम घटनास्थल पर ही बनी हुई थी।

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कल दिनाँक 15 अगस्त 2023 को SDRF टीम द्वारा पुनः रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए रोप रिवर क्रासिंग मैथेड का प्रयोग करते हुए वहाँ फंसे 52 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया।

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