हल्द्वानी सहित प्रदेश के अनेक हिस्सों में कल बारिश हुई। हरिद्वार में भी रात हल्की मध्यम बारिश हुई।
मौसम विभाग द्वारा 24 और 25 मार्च को बारिश ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया गया था जो सही साबित हुआ। पहाड़ से लेकर मैदान तक फिलहाल अनेक स्थानों में झमाझम बरसात का दौर जारी है। राज्य के नैनीताल लोहाघाट काशीपुर रामनगर मसूरी सतपुली लैंसडाउन हरिद्वार देहरादून समेत तमाम इलाकों में पिछले 24 घंटे में बारिश दर्ज की गई है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आज 25 मार्च को उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। कहीं-कहीं गरज चमक के साथ तेज बारिश भी हो सकती है जिसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इधर मौसम विभाग द्वारा 3 घंटे के तत्कालिक मौसम मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के कुमाऊं मंडल के जनपदों नैनीताल अल्मोड़ा पिथौरागढ़ और बागेश्वर जनपदों में कहीं गई बिजली चमकने तथा गरज चमक के साथ तेज बौछार की संभावना है जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है इसके अलावा राज्य के सभी जनपदों में गर्जन वाले बादल विकसित होने और अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
उत्तराखंड में मार्च के महीने में पल-पल बदल रहा मौसम लोगों को हैरान किए हुए है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में लगातार बारिश-बर्फबारी हो रही थी।
बारिश की रफ्तार थमी तो कई इलाकों में बीते दिन धूप खिल आई, जिससे तापमान में इजाफा भी हुआ। हालांकि पर्वतीय इलाकों में बादलों ने एक बार फिर डेरा डाल दिया है। अगले दो दिन में पहाड़ों में फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। निचले इलाकों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। हाल के दिनों में हुई बारिश-बर्फबारी ने प्रदेश में कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। महज पांच दिन में प्रदेश में सामान्य से 325 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान पारे ने गोता लगाया और रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई। अब आज रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, बागेश्वर और टिहरी जिलों में बारिश-बर्फबारी-ओलावृष्टि से ठंड बढ़ सकती है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार आज निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि हो सकती है, इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने से लेकर आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। बता दें कि नवंबर से लेकर फरवरी तक हिमपात के बाद मार्च से बर्फ पिघलनी शुरू हो जाती है। इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मार्च में जमकर बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के चलते वहां तापमान माइनस-20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
महज पांच दिन में प्रदेश में सामान्य से 325 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान पारे ने गोता लगाया और रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई। अब आज रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, बागेश्वर और टिहरी जिलों में बारिश-बर्फबारी-ओलावृष्टि से ठंड बढ़ सकती है।
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