उत्तराखंड – Hit & Run Law : कानून बदलाव के विरोध में थमे पहिये,बढ़ा सकते हैं_मंहगाई का संकट ?

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देश में नए साल की शुरुआत परेशानियों के साथ हुई है। हिट एंड रन कानून में हुए बदलाव के विरोध में अब उत्तराखंड में भी वाहनों के पहिये थमने लगे हैं। वाहन चालकों के द्वारा चक्का जाम की कंडीशन में आम जनजीवन से जुड़ी इस्तेमाल की वस्तुओं में महंगाई बढ़ने का संकट मंडराने लगा है।

कानून में बदलाव का विरोध तेज होने पर इसका सीधा असर रोड सप्लाई चेन पर होने के आसार हैं। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में परेशानी होगी।

ड्राइवरों ने राजस्थान,गुजरात,मध्य प्रदेश और यू पी के साथ अब उत्तराखंड में भी चक्का जाम करना शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड में केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में थिथौला स्थित आईओसी, एचपी और भारत गैस के सभी चालक चक्का जाम कर हड़ताल पर रहे। तीनों डिपो के चालकों के हड़ताल पर रहने से गढ़वाल मंडल में तेल और गैस का संकट गहराने का खतरा मंडराने लगा है।थिथौला स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन में 150 से ज्यादा गाड़ियां गढ़वाल मंडल में पेट्रोल, डीजल और कैरोसिन की सप्लाई करती है। इसी के बराबर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम में भी करीब 100 गाड़ियां राज्य में डीजल, पेट्रोल और कैरोसिन की सप्लाई करती है।

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थिथौला में भारत गैस का डिपो है। यहां पर भी करीब 100 गाड़ियां राज्य में एलपीजी की सप्लाई करती हैं।तीनों डिपो के चालक हिट एंड रन कानून के विरोध में चक्का जाम कर हड़ताल पर चले गए हैं। चालकों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार इस नए कानून को रद्द करने का एलान नहीं करती, वह काम पर नहीं लौटेंगे।आईओसी डिपो के टीएम किशोर रावत का कहना है कि चालक बिना लेटर दिए ही हड़ताल पर गए हैं। चालकों को पहले इस संबंध में लेटर देना चाहिए था।

कुमाऊं के मुख्य प्रवेश द्वार नैनीताल के हल्द्वानी में हिट एंड रन कानून के नए प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन ने टीपी नगर में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उन्होंने नए प्रावधान पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से कानून पर पुनर्विचार करने की मांग की। एसोसिएशन के बैनर तले ट्रक चालक और ट्रांसपोर्ट व्यवसाई टीपी नगर गेट पर जमा हुए। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि हिट एंड रन केस के नए प्रावधानों से ट्रक चालकों में भय पैदा हो गया है। कई ट्रक चालक नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबार खतरे में पड़ गया है। 

केन्द्र सरकार के नए कानून हिट एंड रन को लेकर पुरे प्रदेश और देश में ट्रक ड्राइवरों में भारी रोष है वही लालकुआं में भी हिट एंड रन कानून का भारी विरोध देखने को मिला जहां वाहन चालकों ने सुबह से हड़ताल शुरू कर दी वही इस हड़ताल का समर्थन टेम्पो चालकों ने भी किया सुबह से टेंपो,ट्रक,और डंपर के पहिए थम गए जिसे आने जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का समना करना पड़ा रहा है।इधर काग्रेंस ने भी ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का समर्थन किया और इस कानून के जल्द वापसी की मांग रखी।

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बताते चले कि केंद्र सरकार के नए कानून हिट एंड रन को लेकर आज लालकुआं में ट्रक ड्राइवरों में भारी रोष देखने को मिला कानून का विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवरों ने रास्तों में ही ट्रकों को खड़ा कर दिया वही टेम्पो चालकों ने भी कानून के विरोध में अपने टेंपो को खड़ाकर सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है ।

वहीं सड़कों पर टेंपो ना चले कारण के आने जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी व सामना करना पड़ा सुबह से ही रेलवे स्टेशन, कोतवाली चौराहे,सहित अन्य स्थानों पर यात्रियों की भीड़ देखने को मिली।कई यात्रियों को तो टेंपो चालको ने रास्ते में उतार दिया जिसके चलते हैं यात्री पैदल आते जाते दिखाई दिए।

वही काग्रेंस भी अब खुलकर ट्रक ड्राइवरों के समर्थन में उतर आई है इधर कांग्रेस के जिला महामंत्री भुवन पाडें ने कहा कि इस काले कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। उन्होने कहा कि एक गरीब ट्रक ड्राइवर मामूली से वेतन में ड्राइवरी करता है ऐसे में सरकार द्वारा बनाये गये नए कानून के तहत हादसा होने पर वह गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेगा तथा दस साल की सजा होने पर उसके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।

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उन्होने सरकार से ट्रक ड्राइवरों के विरूद्व बने इस काले कानून को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की। साथ ही उन्होने चेतवानी दी है कि अगर जल्द ही कानून वापस नहीं लिया जाता है तो कांग्रेस ट्रक ड्राइवर के साथ मिलकर पूरे देश में उग्र आंदोलन करने को बध्य होंगे।

जानिये क्यों है विरोध -पहले क्या था और अब क्या होगा


-अभी हिट ऐंड रन केस को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है।

-संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट ऐंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे दस साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।

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