हिट एंड रन (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) को लेकर नए कानून के खिलाफ दो दिनों से जारी ट्रक ड्राइवर्स का विरोध प्रदर्शन जल्द खत्म हो सकता है. केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के साथ बैठक के बाद ड्राइवर्स से हड़ताल वापस लेने की अपील की. सरकार ने कहा कि फिलहाल ये कानून लागू नहीं होगा।
गृह मंत्रालय ने मीटिंग के बाद कहा कि कानून अभी लागू नहीं हुआ है. ऐसे में ड्राइवर की चिंताओं को लेकर सरकार खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है. गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, ”आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 (2) में 10 साल की सजा तथा जुर्माने के प्रावधान के बारे में वाहन चालकों की चिंता का संज्ञान लिया है.”
भल्ला ने आगे कहा, ”अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की. सरकार बताना चाहती है कि ये प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. हम बताना चाहते हैं कि इस धारा को लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से विचार विमर्श किया जाएगा. हम सभी वाहन चालकों से अपील करते हैं कि आप अपने कामों पर लौट आएं।
अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस ने क्या कहा?
अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा कि ड्राइवर आपकी चिंता, हमारी चिंता है. हमने 28 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नुकसान को लेकर लेटर लिखा था, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि सरकार सही समय पर संज्ञान नहीं लेती. आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि धारा 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान वाला कानून लागू नहीं हुआ है. हम आश्वासन देते हैं कि आगे भी ये कानून लागू नहीं होने देंगे।
विरोध का असर क्या हुआ ?
पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है. वहीं इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, कुल्लू-मनाली, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, ऊना और शिमला में कई ग्राहकों को ईंधन खत्म होने की वजह से लौटा दिया गया। दरअसल, पेट्रोल खत्म खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है. इससे कई पेट्रोल पंपों पर भीड़ लग गई थी।
क्यों हड़ताल हो रही है?
हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान है. इसके खिलाफ ट्रक के चालकों ने हड़ताल चल रही है।
क्या प्रावधान है?
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को जानकारी दिए बिना भागने वाले चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
उत्तराखंड में भी दिखा कानून में बदलाव का असर
हिट एंड रन कानून में हुए बदलाव के बाद से लगातार ट्रक हो या बस ड्राइवरों की हड़ताल जारी है। जिसका असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है। हल्द्वानी में भी रोडवेज की बसों के ड्राइवरों की हड़ताल है, जिसके चलते यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है।वही अब हड़ताल का असर पेट्रोल पंपों पर भीड़ देखने को मिल रही है, क्योंकि ड्राइवरों की हड़ताल के चलते बरेली से आने वाले तेल के वाहन नहीं पहुँच पाए है।
जिसके चलते कुछ समस्या आ रही है, और लोग लगातार गाड़ियों में तेल भरवाने पेट्रोल पंप तक आ रहे हैं और गाड़ियों के टैंक फुल करवा रहे हैं हल्द्वानी पर्वतीय पेट्रोल पंप संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा ने बताया हल्द्वानी के कुछ पेट्रोल पंपों पर भीड़ अधिक होने के चलते तेल जरूर खत्म हुआ है, बरेली से वाहनों के आने का इंतजार किया जा रहा है, तो प्रशासन की तरफ से सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह एवं एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया बरेली के डिपो से तेल की गाड़ियां नहीं आई है।
लेकिन तेल की कोई कमी नहीं है, लालकुआं डिपो में पर्याप्त मात्रा में तेल है, जिनकी गाड़ियां देर रात और सुबह शहर के कई पेट्रोल पंप पर पहुंचेगी, किसी भी पंप में तेल की कोई कमी नहीं है। प्रशासन की तरफ से शहर वासियों से अपील की जा रही है, कोई भी अफवाहों पर ध्यान ना दें। पेट्रोल पंपों पर तेल पर्याप्त है। ड्राइवरों की हड़ताल पर उच्च स्तरीय बातचीत हो रही है और जल्द समस्या का हल निकल जाएगा, फिलहाल स्थिति सामान्य है।
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