नैनीताल में नशे के खिलाफ युवाओं को जागरूक करने की शुरुआत

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नैनीताल में नगर पालिका की नवनिर्वाचित चैयरमैन और सभासदों के साथ सरकार ने एन.सी.सी.कैडेटों को नशे से लड़ने के नए मॉड्यूल की जानकारी दी गई। चैयरमैन सरस्वती खेतवाल ने कहा कि स्कूलों की पी.टी.एम.में सरकार परिजनों को नशे संबंधी जानकारी दे।


नैनीताल क्लब में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मादक पदार्थ और नशीली दवाओं के सेवन से बचाव को लेकर आज जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग व गीगा सेंट्रल हेल्थवेलफेयर सोसाइटी द्वारा नवनियुक्त सभासद, एन.सी.सी, एन.एस.एस छात्र-छत्राओं को जीवन कौशल और मादक पदार्थ की शिक्षा पर प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राओं को नशे की लत से दूर रहने व नशे से होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारियां सांझा की।


वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका चेयरमैन सरस्वती खेतवाल ने डीप प्रज्वलित कर नशे की रोकथाम के लिए बनाए गए नए मॉड्यूल संबंधी सेमिनार का उद्घाटन किया।


केंद्रीय एजेंसी के एक सर्वे में वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार देश में 16 करोड़ शराब पीने वाले हैं, 3 करोड़ गांजा या दम पीने वाले हैं, 2.3 करोड़ अफीम जबकि 51 लाख बड़े लोग हैं और 26 लाख बच्चे हैं।


कार्यक्रम के दौरान चंचल कुमार ने नशे की रोकथाम के लिए दो तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारियां दी। उन्होंने, नशे की सप्लाई तोड़ने के लिए सरकारी सिस्टम को जिम्मेदार बताया जबकि उसके इस्तेमाल में अंकुश के लिए समाज की जिम्मेदारियों पर जानकारियां दी।

उन्होंने बताया कि परिजनों के नशा करने से ही सबसे पहले बच्चे नशा करना सीखते हैं। कहा कि समाज को वैध ड्रग से ज्यादा अवैध ड्रग से खतरा है। उन्होंने बताया कि नशे के इंजेक्शन से एच.आई.वी.जोरों से फैल रहा है।


वहीं कार्यक्रम में मौजूद सभासद ने कहा कि नशा करबे वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए स्कूलों में पी.टी.एम.के माध्यम से परिजनों तक पहुंचना चाहिए, ताकि बच्चो को नशे के प्रति जागरूक किया जा सके।


समाज कल्याण अधिकारी विश्वनाथ गौतम ने कहा कि बच्चे नशे में पड़ते हैं उसकी दो वजह हो सकती है जिसमें पहला डिप्रेशन और दूसरा कमजोरी। पहली गलती ही जीवन की सबसे बड़ी गलती होती है। पहले से फंसे बच्चे नए को तलाशते हैं तांकी उनकी डोज़ का इंतजाम हो सके। लालच देने वालों के चंगुल में फंसने से बचो। दिखावा करने वाले लोगों से बचो, अगर करना ही है तो पढ़ाई के क्षेत्र में करो। नशा करने वाला हर व्यक्ति कुछ समय बाद पछताता है इसलिये अच्छी संगति तलाशें। अगर आपको नशा करने वाले बच्चे के बारे में जानकारी मिलती है तो शिक्षक को उस बारे में जरूर बताएं।

स्वास्थ्य विभाग की कॉर्डिनेटर स्वेता भट्ट काजल ने बताया कि एन.सी.सी.के छात्र छात्राएं नशे से कोई ताल्लुक नहीं रखते हैं, लेकिन वो समाज को जागरूक करने के लिए जानकारियां जुटाकर तथ्य साझा करेंगे। सभासद गजाला ने कहा कि विभाग स्कूलों में पी.टी.एम.के रोज़ परिजनों के साथ नशे पर चर्चा करें, उन्हें समझें और बच्चों को इससे दूर रखने की जानकारियां दें।

नैनीताल में नशा बेचने वाले, सीधे सीधे बच्चों को घेरते हैं और उनसे रुपये वसूलते हैं। इस मौके पर सभासद भगवत सिंह रावत, सभासद सपना बिष्ट, सभासद गीता उप्रेती, सभासद शीतल कटियार, भावना रावत, कविता साह आदि लोग मौजूद रहे।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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