इंस्पिरेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ‘अंतरिक्ष विज्ञान स्पर्धा 2025’ का आयोजन

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हल्द्वानी, 20 अगस्त : इंस्पिरेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज का दिन विज्ञान, कल्पना और जिज्ञासा के उत्सव के रूप में यादगार बन गया। स्कूल और एस्ट्रोपाठशाला के संयुक्त तत्वावधान में ‘अंतरिक्ष विज्ञान स्पर्धा 2025’ का आयोजन किया गया। यह विशेष प्रतियोगिता भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (23 अगस्त) के उपलक्ष्य में आयोजित की गई, ताकि छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलशास्त्र के प्रति रुचि और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे श्री मोहित कुमार जोशी, वरिष्ठ अभियंता एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी, एरीज नैनीताल। श्री जोशी ने एरीज, देवस्थल में एशिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए भारत की अंतरिक्ष प्रगति, भविष्य की संभावनाओं और विद्यालय स्तर पर खगोल शिक्षा के महत्व पर प्रेरणादायी विचार साझा किए।

इस अवसर पर डॉ. गीतिका बलूटीया (चेयरपर्सन), श्री दीपक बलूटीया (डायरेक्टर), प्रिंसिपल श्री अनुराग माथुर और वाइस प्रिंसिपल श्रीमती ममता तनेजा भी उपस्थित रहे। वहीं एस्ट्रोपाठशाला की ओर से श्री शुभम कुमार (सह-संस्थापक, एस्ट्रोवर्स एवं सीओओ, एस्ट्रोपाठशाला), श्री शांतनु कुमार पात्रो (अकादमिक हेड), श्री रूपिन थापा (सीटीओ, एस्ट्रोवर्स) तथा पूरी टीम ने प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।

क्विज़ प्रतियोगिता ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की तर्ज पर चार रोचक चरणों – टाइम टेलर्स, पज़ल, रैपिड फायर और बज़र राउंड में संपन्न हुई। छात्रों ने अद्भुत ज्ञान, टीमवर्क और वैज्ञानिक जिज्ञासा का प्रदर्शन किया।

जूनियर वर्ग (कक्षा 3–5) में प्रथम स्थान पर रहे अहान तिवारी (3B), जयंती जोशी (4 ट्यूलिप) और कियाँ (5 ट्यूलिप)।
द्वितीय स्थान अक्षिज मेहता, मानवी बिष्ट, प्रांशुल भंडारी ने प्राप्त किया, जबकि तृतीय स्थान पर रहे तुषिता भाकुनी, विवेक जोशी और कुश तिवारी।

सीनियर वर्ग (कक्षा 6–8) में ऋध्यांशी बिष्ट (6B), प्रिशा नेगी (7A) और निक्शय तिवारी (8C) ने प्रथम स्थान हासिल किया।


द्वितीय स्थान पर रहे एकांश साह, ध्रुव रावत और व्योम जोशी, जबकि तृतीय स्थान आर्चित कांडपाल, शशांक पांडे और अनमोल सिंह कुटियाल को मिला।

प्रतियोगिता में छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। उनके चेहरे पर अंतरिक्ष को जानने की जिज्ञासा और विज्ञान के प्रति उमंग झलक रही थी।

एस्ट्रोपाठशाला का उद्देश्य विद्यालयों में खगोलशास्त्र, रॉकेट्री, उपग्रह निर्माण, रोवर डिजाइनिंग और अंतरिक्ष विज्ञान के व्यावहारिक व प्रयोगात्मक शिक्षण को बढ़ावा देना है, ताकि आने वाली पीढ़ी भविष्य के लिए तैयार हो सके और भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनाने में योगदान दे सके।

कार्यक्रम का समापन विजेताओं को पुरस्कृत करने, समूह फोटोग्राफी और प्रेरक शब्दों के साथ हुआ। जैसा कि कार्ल सागन ने कहा था – “कहीं न कहीं, कुछ अविश्वसनीय खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा है।” इंस्पिरेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज यह ‘कहीं न कहीं’ बच्चों की कल्पनाओं और सपनों के और करीब महसूस हुआ।


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