उत्तराखण्ड के नैनीताल में शनिवार को हुए भूस्खलन और भवन गिरने के मामले में प्रशासन सख्त होता दिख रहा है। प्रशासन ने क्षेत्र से 24 परिवारों को विस्थापित कर इससे निबटने के लिए शार्ट और लोंग टर्म मैजर लिए हैं। भूगर्भ वैज्ञानिक कहते हैं कि हिमालय क्षेत्र के इन पहाड़ों में जगह जगह भूस्खलन हो ही रहा है, लेकिन हमें कमजोर जगह पर घर बनाने वालों को सचेत कर उसे सुरक्षित जगह घर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
नैनीताल के चाटर्न लॉज क्षेत्र में शनिवार को हुए भूस्खलन ने खतरे की घंटी बजा दी है। दिल दहला देने वाले वीडियो ने प्रशासन और बिना अनुमाती के घर बनाने लाखों लोगों की आँखें खोल दी। भूगर्भ शास्त्रियों का कहना है कि इस क्षेत्र में कच्ची मट्टी है और वो धसने लगी है, जिससे क्षेत्र में रहने वाले दर्जनों परिवारों को खतरा पैदा हो गया है। घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और उसने आल्मा पहाड़ी में इस क्षेत्र के 24 घरों को खाली कराना शुरू कर दिया। एस.डी.एम.प्रमोद कुमार ने बताया कि हमने तकनीकी विभाग के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया और भू-स्खलन की संवेदनशीलता को देखते हुए शार्ट और लोंग टर्म मैजर लेने का फैसला लिया। प्रशासन ने इस क्षेत्र में रह रहे परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। संवेदनशील 5 परिवारों में से 2 परिवारों को सी.आर.एस.टी.स्कूल और 3 परिवारों को चन्द्र भवन में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही 12 अन्य परिवार अपने रिस्तेदरों और परिचितों के घरों में शिफ्ट हो गये है।
अधिकांश परिवार सुरक्षा की दृष्टि से अपने परिचितों के घर चले गए हैं। किराएदार अन्यत्र किराए के भवनों में चले गये हैं। 14 भवन स्वामियों ने अपना भवन खाली करने के बाद ताला लगा दिया है, शेष भवनों से सामान खाली करते हुए ताला लगाया जा रहा है। टीम ने आस-पास के 12 अन्य भवन स्वामियों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
आपको बता दें कि इस पहाड़ी पर पिछले कुछ वर्षों में अनियंत्रित निर्माण हुए हैं, जबकि ये पहाड़ी भारी निर्माण सहने के दृष्टिगत काफी कमजोर है। सन 1880 में इसी पहाड़ी में भारी भूस्खलन हुआ था, जिसमें 151 लोग मारे गए थे। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय के इन पहाड़ों में जहां निर्माण नहीं हैं वहां भी लगातार भूस्खलन देखा जा रहा है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगर्भ वैज्ञानिक राजीव उपाध्याय कहा कि सरकार ने अब पहाड़ी हिस्सों में निर्माण करने वालों को कमजोर क्षेत्र के खतरे की जानकारी देने के साथ सुरक्षित स्थल बताने चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों को पूर्णतः बैन कर दिया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]