मुख़्तार अंसारी के भाई अफजाल का सियासी सफर खत्म,सांसदी रद्द

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पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने सोमवार (1 मई) को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी की. अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) छह बार विधायक और दो बार सांसद चुने गए हैं. गैंगस्टर एक्ट के केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल को चार साल कैद की सजा सुनाई थी. 

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है फौजदारी मामले में कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘ऐसी सजा की तारीख से’ अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी. 

मुख्तार अंसारी को भी मिली सजा

मुख्तार अंसारी को भी इसी गैंगस्टर एक्ट के 14 साल पुराने मामले में 10 साल कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. 22 नवंबर, 2007 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली में गैंगस्टर चार्ट में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को शामिल करते हुए गैंगस्टर अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. 

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बसपा के टिकट पर बने थे सांसद

इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए और अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था. शनिवार को अदालत ने मामले में मुख्तार और अफजाल अंसारी को सजा सुनाई. अफजाल अंसारी गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. वहीं, मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. 

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उत्तर प्रदेश में अब तक किन-किन की गई सदस्यता

यूपी में कोर्ट से सजा मिलने के बाद कई माननीय अपनी लोकसभा और विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं। बसपा सांसद अफजाल अंसारी से पहले सपा नेता मो. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता जा चुकी है। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी।

रामपुर की एक अदालत ने उन्हें वर्ष 2019 के एक हेट स्पीच के मामले में दोषी ठहराया था और तीन साल की सजा सुनाई गई थी। सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है।


चुनाव लड़ते समय उन्होंने अपनी उम्र अधिक बताते हुए गलत शपथपत्र दिया था। इसके अलावा खतौली से भाजपा के विधायक रहे विक्रम सैनी भी सदस्यता गवां चुके हैं। उन्हें 2013 के दंगा मामले में दो साल की सजा दी गई थी। 17वीं विधानसभा में हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल, उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और गोसाईगंज के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू तिवारी की सदस्यता खत्म हो चुकी है।

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इसके पहले एमबीबीएस सीट घोटाले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य काजी रशीद मसूद की सदस्य गई थी। कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्य सभा भेजा था। वर्ष 2013 में कोर्ट ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

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