सी.जे.की टीम ने नैनीताल फ्लैट्स और मैट्रोपोल में मल्टी पार्किंग बनाने का इशारा किया,अशोक में चिल्ड्रन पार्क व कैफेटेरिया बने

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश(सी.जे.) जे नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा ने ट्रैफिक संबंधी एक पी.आई.एल.में शहर का दौरा कर पार्किंगों को मल्टी स्टोरी करने समेत कई महत्वपूर्ण सुझाव सरकार और पालिका को दिए।

न्यायाधीशों ने अपने लाव लश्कर के साथ मॉल रोड से तल्लीताल डांट और फिर अशोक पार्किंग तक वाहन से जायज़ा लिया।


नैनीताल में पार्किंग, ट्रैफिक जाम साफ सफाई, अतिक्रमण आदि से सम्बन्धित एक जनहित याचिका में बीते रोज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कई इंस्ट्रक्शन सरकार और नैनीताल नगर पालिका को दिए। सुनवाई के दौरान उन्होंने आज सवेरे शहर का व्यक्तिगत दौरा करने की बात कही थी।

आज सवेरे मुख्य न्यायाधीश का कारवां मॉल रोड से तल्लीताल डाँठ होते हुए मल्लीताल स्थित अशोक पार्किंग पहुंचा। सी.जे.की टीम ने अशोक को देखकर उसे बेहतरीन तरीके से डेवलप करने को कहा। उन्होंने इसे बच्चों के खेलने, साफ सुथरे कैफिटेरिया आदि के लिए उचित बताया और नया प्लान बनाकर न्यायालय को लिखित में देने को कहा।

टीम इसके बाद मस्जिद के आगे का चौड़ीकरण देखते हुए फ्लैट्स मैदान पार्किंग पहुंची। सी.जे.ने फ्लैट्स पार्किंग को देखकर कहा कि ये सड़क लेवल से लगभग 20 से 25 फीट नीचे है। इसमें तकनीक का इस्तेमाल कर तीन मंजिली मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जा सकती है, जिसके लिए गहरे गड्ढे न किये जाएं।

मेले के लिए पार्किंग में गाड़ियां हटाकर दुकानें लग जाएं और डोले के नियमों के पालन के लिए अनिवार्य बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए। कहा कि सही से बनाए जाने पर यहां 1000 गाड़ियां तक पार्क की जा सकती हैं। इस दौरान अधिवक्ता प्रदीप उप्रेती व कुछ खिलाड़ियों ने आकर फ्लैट्स में बनी क्लाइम्बिंग वॉल का विरोध करते हुए सी.जे.से उसे अन्यत्र शिफ्ट करने को कहा।

इसके बाद नाला कवरिंग होते हुए टीम फायर स्टेशन के सामने पर्दाधारा पहुंची जिसको जानने के बाद पालिका को उसे रिस्टोर करने को कहा गया। न्यायाधीश ने एस.पी.ट्रैफिक से पुलिस कर्मियों के ड्यूटी के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करने की शिकायत के बाद सी.जे.ने सर्क्युलर जारी कर ऐसा नहीं करने के लिए निर्देशित किया।

सी.जे.ने टैक्सी बाइक को केवल जीविका कमाने वालों के लिए इस्तेमाल करने की सहमति दी। मेट्रोपोल भवन की जर्जर हालात देख सी.जे.ने पालिका के ई.ओ.से नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने और यहां अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर बनाने को कहा।
टीम ने कूड़ा नारायणनगर पहुंचाने, अतिक्रमण हटाने, डस्टबिन सड़क से हटाने के लिए भी टीम ने नगर पालिका को बोला है।

सड़क में लंबे समय से पार्क किये वाहनों को यूनिवर्सिटी में खड़ा करें और उसका किराया यूनिवर्सिटी ले। पार्किग में मार्ग और मोड़ अंदर की जगह बाहर से देने को कहा गया, तांकि ज्यादा गाड़ियां आ सकें।


इस दौरान सी.जे.के साथ सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत, नगर पालिका के अधिवक्ता डी.एस.पाटनी, रजिस्ट्रार जर्नल कहकसा खान, डी.जे.सुबीर कुमार, एस.पी.ट्रैफिक जगदीश चंद्र, सी.ओ.प्रमोद कुमार साह, ई.ओ.दीपक गोस्वामी समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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