अर्जुन अवार्डी स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन के ख़िलाफ़ फ्रॉड का मुकदमा दर्ज

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता शटलर लक्ष्य सेन पर उम्र का गलत विवरण देने का आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु में उनके खिलाफ इस मामले में एफआईआर भी दर्ज किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लक्ष्य सेन पर जूनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हुए आयु-प्रतिबंधित टूर्नामेंटों में प्रवेश पाने के लिए अपनी उम्र में हेरफेर करने का आरोप लगा है। 

शिकायतकर्ता भी बैडमिंटन एकेडमी चलाता है

बेंगलुरु पुलिस ने नागराजा एमजी नाम के शख्स की शिकायत के बाद लक्ष्य और उनकी बैडमिंटन एकेडमी के एक कोच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। नागराजा शहर में एक बैडमिंटन एकेडमी भी चलाते हैं। हाल ही में एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को 21 वर्षीय लक्ष्य के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। लक्ष्य बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी में प्रशिक्षण लेते हैं।

FIR में लक्ष्य का परिवार और कोच का भी नाम

एफआईआर में नामित लोगों में लक्ष्य, उनके कोच विमल कुमार, उनके पिता धीरेंद्र सेन, उनके भाई चिराग और मां निर्मला सेन के नाम शामिल हैं। चिराग खुद बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और धीरेंद्र भारतीय खेल प्राधिकरण में कोच हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागराजा का आरोप है कि कोच विमल ने 2010 में लक्ष्य के माता-पिता के साथ मिलकर एक जन्म प्रमाण पत्र बनाया, जिसमें चिराग और लक्ष्य के उम्र में हेराफेरी की गई है। इससे वह आयु-समूह टूर्नामेंट में भाग लेने में सक्षम हो गए। अन्यथा वह प्रतिस्पर्धा करने में अयोग्य होते।

शिकायतकर्ता का क्या कहना है?

शिकायतकर्ता का कहना है कि कर्नाटक बैडमिंट एसोसिएशन और कोच विमल कुमार के सहयोग से लक्ष्य ने आयु वर्ग से नीचे के प्रतियोगियों के खिलाफ खेलना शुरू किया। साथ ही उम्र को लाभ के रूप में इस्तेमाल करते हुए लक्ष्य ने कई टूर्नामेंट जीते और सरकार से कई लाभ प्राप्त किए। इससे अन्य प्रतिभाशाली बच्चों का नुकसान हुआ। शिकायतकर्ता का कहना है कि लक्ष्य का जन्म 1998 में हुआ, जबकि रिकॉर्ड बताते हैं कि उनका जन्म 2001 में हुआ।

हालांकि, कोच विमल कुमार ने प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों से अवगत होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा- मुझे तो शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जानकारी भी नहीं है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। लक्ष्य हमारे एकेडमी में आया और मैंने उसे 2010 से किसी भी अन्य बच्चे की तरह प्रशिक्षित किया। मैंने सुना था कि एक परिवार एकेडमी और मेरी छवि खराब करने की कोशिश में लगा था, लेकिन इससे हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई।

लक्ष्य और बाकी लोगों पर धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) समेत विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। लक्ष्य ने हाल ही में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता था। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लक्ष्य को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page