बढ़ते कोरोना मामलों के बीच, प्रदेशवासियों के लिए आई खुशी की खबर..सुशीला तिवारी अस्पताल में शुरू हुई प्लाज़्मा थैरेपी..

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हल्द्वानी नैनीताल ( GKM news) कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज अब सुशीला तिवारी अस्पताल मे प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से शुरू कर दिया गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान  परिषद के अनुमति के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है. जिसका सीधा फायदा लोगों को मिलेगा.

सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में अब प्लाज्मा थेरेपी से हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज.सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अनुमति के बाद सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना के मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है. जिसके तहत पूर्व में ठीक हो चुके कोरोना के मरीजों का ब्लड निकाल कर प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से अन्य मरीजों का इलाज किया जाएग. मरीज से निकाले गए ब्लड के प्लाज्मा से चार कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि पूर्व में ठीक हो चुके कोरोना मरीजों को कॉन्टैक्ट के माध्यम से बुलाकर उनका ब्लड लिया जा रहा है. वहीं, अधिकतर ठीक हो चुके मरीज ब्लड डोनेट करने के लिए तैयार हैं.बताया जा रहा है कि प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना के बीमार व्यक्ति में एंटीबॉडी विकसित किया जाता है. पूर्व में ठीक हो चुके मरीज़ों में पाए जाने वाले एंटीबॉडी से लड़ने की क्षमता रखता है. ऐसे में कुमांऊ मण्डल के 6 ज़िलों में कोरोना वायरस को हरा कर घर लौट चुके 1334 लोग प्लाज़्मा दान कर सकते हैं.

राजकीय मैडिकल कालेज प्रबन्धन स्वस्थ हुए इन लोगो से प्लाज़्मा दान देकर कोरोना मरिज़ो की ज़िंदगी बचाने की अपील कर रहा है.पर्वतीय क्षेत्र से आने वाले दानदाताओ को 500 सौ रूपये वाहन खर्च भी मौहिया कराया जाएगा. .मैडिकल कालेज के कोविड प्राभारी डा. परमजीत सिंह के अनुसार प्लाज़्मा थैरेपी के ज़रिये मरीज़ को वायरस से लड़ने की अतिरिक्त शक्ति मिल जाती है. इस कारण गम्भीर मरीज़ भी ठीक हो जाते हैं. दानकर्ता बढ़े तो कोरोना से कई ज़िंदगिया बचा पाएगें. 

प्रदेश का पहला प्लाज़्मा डोनर रूद्रपुर से

    कौन दें सकते है प्लाज़्मा…

1. 18 से 60 साल की आयु के पुरूष और महिलाऐ.

.2. दानदाता का हीमोग्लोबीन स्तर 11 या इससे अधिक हो

.3 कोरोना से उबरे दानदाता को 90 दिन से ज़्यादा ना बीते हो. 

बयान – सीपी भैसोड़ा, प्रिंसिपल सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज।

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