जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त रहने के कारण अपने मूल काम को समय नहीं दे पाते हैं। हालत यह है कि राजस्व विभाग में फाइलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुख्य सचिव ने इसका संज्ञान लेते हुए एसडीएम को वीआईपी ड्यूटी से मुक्त रखने का फरमान जारी किया है। उन्होंने एसडीएम के 25 से 30 पद और सृजित कर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व वादों को तेजी से निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वीआईपी कार्यक्रमों में एसडीएम आदि को लगाने से राजस्व का काफी कार्य बाधित होता है, जिसके कारण पेंडेंसी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से प्रोटोकॉल ऑफिसर की व्यवस्था की जाए, जिससे जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी अपने कार्य में अधिक समय दे पाएंगे।
मुख्य सचिव ने राजस्व के लंबित प्रकरणों के लिए अभियान चलाते हुए तेजी से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डाटा लेक के माध्यम से इसकी डायनामिक रैंकिंग की जाए। सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों की लगातार समीक्षा की जाए, ताकि पेंडेंसी को समाप्त किया जा सके।
एक दिसंबर के बाद नए वाद आरसीएमएस पर होंगे ऑनलाइन
मुख्य सचिव ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि के पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कमिश्नर कोर्ट में लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रत्येक माह बैठक कर मॉनिटरिंग करने और तहसीलदार कोर्ट में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने राजस्व वादों के तेजी से निस्तारण के लिए एक दिसंबर से सभी नए वादों को राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) पर ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। इससे समय सीमा भी तय की जा सकेगी। इसके अलावा नए मामलों को पूर्ण रूप से ऑनलाइन करते हुए लीगेसी डाटा को भी अभियान के तौर पर अपलोड करने के निर्देश दिए।
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