उत्तराखंड : यमकेश्वर में फटा बादल, आपदा जैसे हालात, उफ़ान पर नदी-नाले, टूरिस्ट फसे..

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उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है पर्वती इलाकों के साथ मैदानी क्षेत्रों में भी नदी नाले उफान पर है जिससे लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है ताजा प्राप्त हो रही जानकारी के अनुसार शनिवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्‍वर में बादल फटने के बाद आपदा का मंजर दिखाई दिया। यहां मोहनचट्टी क्षेत्र में कुछ पर्यटक नदी के पार कैम्प और रिजार्ट में फंसे हैं।

एसडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू अभियान किया शुरू

पर्यटकों के फंंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ और पुलिस को दी गई। जिसके बाद एसडीआरएफ और पुलिस की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया है। पर्यटकों की संख्या करीब 18 बताई जा रही है। लक्ष्मण झूला पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है।

यमकेश्वर में उफानाएं नदी नाले, वृद्धा की मौत कई घर क्षतिग्रस्त

शुक्रवार सुबह से शनिवार दोपहर तक करीब 30 घंटे हुई मूसलदार वर्षा से पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लाक की ताल, हेंवल और सतरुद्रा नदी में भारी उफान आ गया। ब्लाक में कुछ जगह बादल फटने और अतिवृष्टि से जगह-जगह सभी छोटे-बड़े नदी-नालों ने विकराल रूप धारण कर दिया।

उदयपुर तल्ला के बिनक गांव में मकान की दीवार ढहने से एक वृद्धा की मौत हो गई। जबकि कई अन्य गांवों में आवासीय भवन, गोशाला आदि के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। कुछ गांवों में पशु हानि हुई है। जबकि बैरागढ़ में कुछ दोपहिया व चौपहिया वाहन तेज बहाव में बह गए और तीन वाहन मलबे में दब गए। तहसील प्रशासन ने एसडीआरएफ व पुलिस की मदद से प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।

पिछले 24 घंटे में पौड़ी जनपद के अकेले यमकेश्वर क्षेत्र में ही 128 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस स्थिति में कुछ जगह बादल फटने की स्थिति बन गई। जबकि अतिवृष्टि से समूचे क्षेत्र में सभी छोटे-बड़े नदी-नालों और नदियों में भारी उफान आ गया।बीन नदी उफान पर यातायात ठप

ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच एक मात्र वैकल्पिक मार्ग बैराज-चीला मोटर मार्ग पर पड़ने वाले बीन नदी में भी शनिवार को भारी उफान आ गया। जिससे इस मार्ग पर पुलिस ने यातायात का संचालन रोक दिया। बीते रोज से ही बीन नदी में जलस्तर बढ़ने लगा था।

यहां पुल न होने के कारण वाहनों को नदी पार करके ही आवाजाही करनी पड़ती है। नदी का जलस्तर देखते हुए पुलिस ने शुक्रवार की रात्रि ही यहां से वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। जबकि शनिवार को बीन नदी ने और भी रौद्र रूप धारण कर दिया। जिससे यहां शनिवार को भी यातायात का संचालन बंद रहा।

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