देश की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल में तय संख्या से कई गुना अधिक कैदी भरे गए हैं। इस जेल में 2005 से अबतक 699 कैदियों की मौत हो चुकी है। ये खुलासा हल्द्वानी निवासी आर.टी.आई.एक्टिविस्ट हेमंत गौनिया को सूचना के अधिकार से मिले पत्र से हुआ।
हेमंत ने तिहाड़ जेल के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को पत्र लिखकर जेल का साइज, जेल में कैदियों की संख्या, यहां हुई कैदियों की मौत, इनके भोजन पर हररोज होने वाले खर्च आदि की जानकारियां मांगी थी। जवाब में 6 जुलाई हेमंत को उक्त जानकारियां हासिल हुई। इसमें बताया गया कि कारागार संख्या 1 में कैदियों की तय संख्या 565 है जबकि यहां 2572 कैदी राह रहे हैं।
कारागार संख्या 2 में 455 कैदियों की जगह है जबकि यहां 719 कैदी हैं।
कारागार संख्या 3 में तय कैदी 740 हैं लेकिन यहां 2346 कैदी भरे हैं।
कारागार संख्या 4 में 740 कैदियों की जगह है जबकि यहां 3615 कैदी भरे हैं।
कारागार संख्या 5 में 750 कैदियों की जगह 991 कैदी भरे हैं।
कारगर संख्या 6(महिला बैरिक)में 400 की जगह 587 महिला कैदी हैं।
कारगर संख्या 7 में 350 की जगह 721कैदी हैं।
कारागार संख्या 8/9 में 1200 कैदियों की जगह है जबकि यहां 2312 कैदी भरे गए हैं।
कारागार संख्या 10 में 1050 कैदियों की जगह 2053 कैदी भरे हुए हैं।
कारागार संख्या 11 में 700 के स्थान में 898 कैदी घुसे हैं।
कारागार संख्या 12 में कुल 980 की जगह 1276 कैदी हैं।
कारागार संख्या 13 में 980 कैदियों की जगह 1481 कैदी बन्द हैं।
कारागार संख्या 14 में 588 के स्थान पर कुल 338 कैदी हैं।
कारागार संख्या 15 में 248 की जगह कुल 151 कैदी और कारागार संख्या 16(महिला) में 280 महिला कैदियों की जगह कुल 167 महिलाएं हैं। बताया गया है कि ये आंकड़े 31 मई 2023 की रात्रि की गिनती के आधार पर जारी किए गए हैं।
तिहाड़ जेल में कैदियों के भोजन लंच, ब्रेकफास्ट और डिनर पर ₹2000/= से लेकर ज्यादा धनराशि व्यय की जाती है।
आर.टी.आई.में कैदियों की 2005 से अबतक मौत के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि :-
2004 में 29 मौतें,
2005 में 26 मौत,
2006 में 22 मौत,
2007 में 33 मौत,
2008 में 13 मौत,
2009 में 15 मौत,
2010 में 15 मौत,
2011 में 28 मौतें,
2012 में 18 मौतें,
2013 में 36 मौतें,
2014 में 40 मौतें,
2015 में 45 मौतें,
2016 में 36 मौतें।
2017 में 42 मौतें,
2018 में 41 मौतें,
2019 में 46 मौतें,
2020 में 48 मौतें,
2021 में 70 कैदियों की मौत हुई।
2022 में 69 कैदियों को जान गंवानी पड़ी जबकि मई 2023 तक 27 कैदियों की मौत हो चुकी है।
तिहाड़ जेल के लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ने आर.टी.आई.के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि ये जेल वर्ष 1960 में बनी थी जिसकी सीमित जानकारियां उपलब्ध हैं। इस जेल का टोटल एरिया 200.48 एकड़ भूमि है, जबकि यहां का बिजली पानी का कोई विवरण उपलब्ध नहीं है।
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