गाजियाबाद डीएम के धमकी पर चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान
Ghaziabad के DM इंद्र विक्रम सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें डीएम साहब पत्रकारों को हड़काते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स उनका वीडियो शेयर कर तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं।
उत्तर प्रेदश के गाजियाबाद में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह अचानक से चर्चा के केंद्र में आ गए हैं. लोकसभा चुनावों की घोषणा होने के बाद DM इंद्र विक्रम सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस चर्चा में है. सोशल मीडिया पर यूजर्स उनका वीडियो शेयर कर तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं. डीएम ने सूचनाओं के प्रसार को लेकर धमकी दी है।
DM इंद्र विक्रम सिंह के धमकी वाले बयान पर चुनाव आयोग सख़्त. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा- वीडियो का संज्ञान लिया गया, जांच कराई गई. जांच में DM गाजियाबाद के शब्दों का चयन और तरीका सही नहीं था।
डीएम गाजियाबाद द्वारा पत्रकारों से धमकी भरी भाषा का प्रयोग करने पर कानपुर के पत्रकार हुए आक्रोशित, पत्रकारों ने माफी की मांग की इस वीडियो में मीडियाकर्मियों से डीएम इंद्र विक्रम सिंह कहते नजर आ रहे हैं –
‘आपके हाथ में दोधारी तलवार है। उसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ सकता है। ये धमकी भी है और सुझाव भी। मतलब जिलाधिकारी महोदय पत्रकारों को सिखाएंगे की खबर कैसे लिखनी है और कलमकारों को काबू में करेंगे। प्रदेश भर के वरिष्ठ पत्रकारों ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह है लोकतंत्र के प्रहरियों पर प्रशासनिक हमला .’
गाजियाबाद के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के वायरल वीडियो को लेकर पत्रकारों में रोष देखने को मिल रहा है. कल सोशल मीडिया पर पूरे दिन कलेक्टर साहब का वीडियो घूमता रहा. लगभग पूरे यूपी के पत्रकारों ने उनकी भाषा और धमकी भरे लहजे की निंदा की है।
इसी कड़ी में आज कानपुर प्रेस क्लब के पत्रकारों ने संयुक्त पुलिस आयुक्त के माध्यम से चुनाव आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में पत्रकारों ने जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह की भाषा को अमर्यादित बताते हुए कड़ा विरोध जताया है।
ये है डीएम साहब की धमकी वाली खबर
लोकसभा चुनावों की घोषणा होने के बाद गाजियाबाद के डीएम इंद्र विक्रम सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस चर्चा में है। सोशल मीडिया पर यूजर्स उनका वीडियो शेयर कर तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं। इस वीडियो में मीडियाकर्मियों से डीएम इंद्र विक्रम सिंह कहते नजर आ रहे हैं –
‘एक जिम्मेदार और शहरी नागरिक होने के नाते आप लोगों से अपील है और आपके बहुत सारे अनियंत्रित साथियों से भी अपील है कि वो बिना सोचे विचारे झूठी सूचनाओं को आगे नहीं फैलाएं क्योंकि आपके हाथ में दोधारी तलवार है। उसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ सकता है। ये धमकी भी है और सुझाव भी।
आप बचे रहो इसलिए मैं सुझाव दे रहा हूं और आप अगर करोगे तो धमकी है कि मैं आपको छोड़ूंगा नहीं। आप अगर पकड़ में आओगे तो कार्रवाई हो जाएगी। आप से मतलब आपके अनियंत्रित साथियों से है। अगर आप भी इस लिस्ट में शामिल हैं तो संभल जाइए।’
डीएम विक्रम सिंह आगे कहते हैं- ‘जो हमारे प्रिंटिंग प्रेस के लोग हैं उनसे मैं कहना चाहता हूं कि बगैर हमारी तरफ से दिए कोई सूचना आप अपने यहां प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। अगर कोई प्रत्याशी आपके यहां पंफलेट प्रकाशित करवा रहा है तो आपको इसकी सूचना हमें देनी पड़ेगी ताकि हम इसे इलेक्शन खर्चे में शामिल कर सकें। यहां मौजूद कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो अपने अखबार के प्रिंटिंग प्रेस में पंफलेट वगैरह भी छपवाते होंगे। इसलिए मैं ऐसा कह रहा हूं’.
2011 में पीसीएस से प्रमोट होकर बने आईएएस
आपको बता दें कि पीसीएस अफसर इंद्र विक्रम सिंह ने जून 2022 में गाजियाबाद के डीएम का पदभार ग्रहण किया था। फतेहपुर के रहने वाले इंद्र विक्रम सिंह को पीसीएस पास करने के बाद पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में मिली। वर्ष 2011 में उनको अलीगढ़ डेवलपमेंट अथॉरिटी में सचिव के पद पर तैनाती मिली।
उन्हें पीसीएस से आईएएस में प्रमोटी कर दिया गया। वह बलिया और शामली के भी डीएम रहे हैं। इंद्र विक्रम सिंह अपने सख्त स्वभाव की वजह से जाने जाते हैं। अलीगढ़ में तैनाती के दौरान एक किसान ने उनसे शिकायत की कि निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर यूरिया खाद का बैग बेचा जा रहा है। इस पर उन्होंने महिला अफसर को तत्काल सस्पेंड कर दिया था। साथ ही उर्वरक विक्रय लाइसेंस को भी सस्पेंड कर दिया गया था।
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