सुप्रीम फैसला : BJP नेता शाहनवाज़ को बड़ी राहत, नहीं दर्ज होगा रेप केस.. हाई कोर्ट ने दिया था 3 महीने में जांच पूरी करने का आदेश ..

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बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली. बलात्कार के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई सितंबर के तीसरे हफ्ते में होगी.

3 महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था
हाई कोर्ट ने 2018 के एक मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और 3 महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. इसके बाद शाहनवाज ने आरोप को झूठा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हुसैन ने दलील दी कि पुलिस ने प्राथमिक जांच में महिला की तरफ से लगाए गए आरोप को झूठा और निराधार पाया था. जो मामला प्राथमिक जांच में ही झूठा पाया गया, उसमें अगर एफआईआर दर्ज होती है तो यह उनकी छवि को नुकसान पहुंचाएगा.

मुकुल रोहतगी ने रखी दलील
शाहनवाज़ हुसैन की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया कि 2013 में शाहनवाज के भाई ने उसके साथ बलात्कार किया, लेकिन इसकी शिकायत 2018 में दर्ज करवाई. उससे पहले 2017 में उसने शाहनवाज के बारे में भी कुछ बयान दिए थे. जब उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत कि तो महिला ने यह कहना शुरू कर दिया कि शाहनवाज ने अपने भाई वाला मामला सुलझाने के नाम पर उसे फार्म हाउस में बुलाया और वहां वह बेहोश हो गई. उस समय शाहनवाज ने भी उसका बलात्कार कर दिया.

मोबाइल की लोकेशन ठीक से मिली
दिल्ली पुलिस के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने जजों को बताया कि महिला ने जिस समय फार्म हाउस जाने की बात कही, उस समय उसके मोबाइल की लोकेशन वहां की नहीं मिली. यह स्थापित नहीं हो पाया कि महिला वहां गई थी. प्राथमिक जांच में आरोप तथ्यहीन पाए गए थे. शिकायतकर्ता महिला के लिए पेश वकील ने दावा किया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद महिला के साथ मारपीट हुई है.

हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
जजों ने मामले पर विस्तार से सुनवाई की बात कहते हुए नोटिस जारी कर दिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर शिकायतकर्ता महिला पुलिस से सुरक्षा की मांग करती है, तो उस पर विचार किया जाए. कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. निचली अदालत में चल रही कार्रवाई भी अभी स्थगित रहेगी.

चार साल पुराना मामला
बता दें कि 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर आरोप लगाया था कि हुसैन ने उसके साथ दिल्ली के छतरपुर के एक फॉर्म हाउस में रेप किया था. वहीं इसके अलावा हुसैन ने महिला को जान से मारने की धमकी भी दी थी. इसी मामले पर पुलिस ने निचली अदालत में कहा था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. हालांकि उस समय भी कोर्ट ने पुलिस के तर्क को खारिज करते हुए कहा था कि ये संज्ञेय अपराध का मामला है.  

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