उत्तराखंड – चंपावत : पहली बार पहुंचे नेपाल से लगे सीमांत क्षेत्र के कायल गांव जिलाधिकारी और सुनी समस्याएं।
ग्रामीणों के साथ जमीन में बैठकर चौपाल लगाते हुए जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने ग्रामीणों की विभिन्न समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि गांव के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक समस्या का वह स्वयं समय-समय पर मॉनिटरिंग करेंगे ताकि समस्याओं का समय पर समाधान हो सकें और ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सकें। उन्होंने कहा कि सड़क सुविधा से वंचित इस गांव में सड़क का निर्माण शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 11 किलोमीटर की सड़क माननीय मुख्यमंत्री घोषणा से स्वीकृत हो गई है।
जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीणों को अवगत कराया कि प्रथम चरण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसके अतिरिक्त डुंगराबोरा से भी कायल गांव को जोड़े जाने हेतु पीडब्ल्यू द्वारा प्रस्ताव बनाया जाएगा। जिस हेतु मौके पर जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए। कायल गांव में सिंचाई की सुविधा मिल चुकी है।
नलकूप डिवीजन द्वारा सिंचाई पेयजल योजना बना दी गई है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र के डूंगराबोरा गांव को भी सिंचाई सुविधा से जोड़े जाने हेतु लघु सिंचाई विभाग द्वारा सोलर पंपिंग योजना एवं ग्रेविटी योजना से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। उन्होंने बताया की लघु सिंचाई द्वारा गूल मरम्मत हेतु 13 लाख का प्रस्ताव बनाया गया है। क्षेत्र में संचार की सुविधा के मद्देनजर जिलाधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में बीएसएनल का टावर स्थापित किए जाने हेतु भूमि राजस्व विभाग द्वारा चयन कर भारत संचार निगम लिमिटेड को उपलब्ध करा दी गई है।
उन्होंने क्षेत्र में औद्योनिकी, कृषि विकास की अपार संभावनाएं को देखते हुए कहा की शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार किए जायेंगे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कि सिंचाई हेतु पाइप की जो भी आवश्यकता है वह उपलब्ध कराए दिए जाय। उद्यान अधिकारी को आम, लिंची, केला, पपीता के लिए कलेस्टरवार प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही शीघ्र पॉलीहाउस उपलब्ध कराने हेतु भी प्रस्ताव तैयार करें।
ग्रामीणों की किसान सम्मान निधि की धनराशि खाते में केवाईसी के कारण नहीं आने की समस्या पर उन्होंने समस्या का त्वरित समाधान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। राशन की समस्या पर जिला पूर्ति अधिकारी एवं ग्राम प्रधान खुली बैठक आयोजित कर पात्र व्यक्तियों के नाम राशन कार्डो में जोड़े तथा अपात्र लोगों के नाम हटाए। जंगली जानवरों से खेती को नुकसान से बचाने के लिए लिए 2023-24 में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए।
तेंदुए द्वारा ग्रामीणों की बकरियों को मारे जाने का मुआवजा दिलाए जाने पर प्रभागीय वन अधिकारी ने जिलाधिकारी को बताया कि बजट हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है प्राप्त होते ही जिन लोगों को पशु हानि हुई है उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। मत्स्य विभाग को निर्देश दिए कि लोगों को मत्स्य पालन से जोड़ने के लिए यहां सर्वे करें और लोगो को स्वरोजगार से जोड़े।
इस दौरान सभी विभागों ने अपने अपने विभागो से संबंधी विभिन्न जानकारियां ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों ने नीड-नैनी-कायल गांव को लोहावती से जोड़ने के लिए पैदल पुल निर्माण की मांग की गई।
जिस पर जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को शीघ्र ही सर्वे के निर्देश दिए और कहा कि शीघ्र ही शासन को प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। किमतोली रोसाल सड़क की खस्ता हालत के लिए पीडब्ल्यूडी प्रताव तैयार करें। ग्रामीणों द्वारा गांव में जैन मिलन केंद्र, बैंकिग सुविधा आदि की मांग की गई। इसके अतिरिक्त गांव में बालिकाएं हाई स्कूल पास के बाद आगे की शिक्षा नहीं ले पाती है, उन्हें डूंगराबोरा हाई स्कूल में इंटरमीडिएट की शिक्षा उपलब्ध हो इस हेतु डुंगराबोरा हाईस्कूल का उच्चीकरण किए जाने हेतु मुख्यमंत्री घोषणा के माध्यम से अनुरोध किया जाएगा और शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इसके अतिरिक्त हाई स्कूल डूंगराबोरा, राजकीय इंटर कॉलेज रौसाल में गेस्ट टीचर और स्थाई टीचरों की तैनाती के लिए प्राथमिकता के साथ शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कोई अगर आने के इच्छुक हो तो खनन न्यास निधि से भी टीचरों की तैनाती की जाएगी, इस हेतु शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार करें।
प्राथमिक विद्यालय कायल में वर्तमान में 12 छात्र-छात्राएं हैं तथा आंगनबाड़ी में 11 बच्चे हैं। जिलाधिकारी ने प्रबंधक दुग्ध को निर्देश दिए कि दुग्ध समिति वर्तमान में बंद पड़ी है इसे इसी माह संचालित कराएं। साथ ही जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की कि वह दूध दुग्ध समितियों को उपलब्ध कराए और पशु पालन विभाग भी इसमें सहयोग करें।
वर्तमान में यहां पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं का उपचार किया जा रहा है और योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह स्वयं समय समय पर मॉनिटरिंग करते रहे, जिससे ग्रामीणों को लाभ मिल सकें। क्षेत्र में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र को गोट वैली के रूप में तैयार किए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए, जिससे लोगो को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकें। जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय डूंगराबोरा एवं जीआईसी रौसाल 9 का भी निरीक्षण किया।
जिला विकास अधिकारी एसके पंत ने अवगत कराया कि गांव में मनरेगा के अंतर्गत वर्तमान में भूमि सुधार, सुरक्षा दीवार, नौला मरम्मत, सीसीसी मार्ग, गौशाला निर्माण सहित आठ कार्य चल रहे हैं। वर्तमान में एक गौशाला का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए मनरेगा के अंतर्गत जो भी आवश्यकीय कार्य है वह कराए जाएं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आरएस रावत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष ललित मोहन कुंवर, ग्राम प्रधान कायल मोहन सिंह, ग्राम प्रधान डूंगराबोरा गंगा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य दशरथ सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सिंह बोरा, जिला शिक्षा अधिकारी चंदन सिंह बिष्ट, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पीएस भंडारी, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भंडारी समेत विभागीय अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
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