यदि आप एमफिल पाठ्यक्रम में दाखिला लेने जा रहे हैं या ऐसी कोई योजना बना रहे हैं तो आपको सतर्क होने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अब एमफिल की डिग्री की मान्यता समाप्त कर दी गई है। अब कोई भी भारतीय विश्वविद्यालय एमफिल की डिग्री या पाठ्यक्रम छात्रों को ऑफर नहीं कर सकेगा।
यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन ने बड़ा फैसला लेते हुए एम.फिल की डिग्री को खत्म कर दिया है. अब से किसी कॉलेज में एम.फिल में एडमिशन नहीं होगा. इस बाबत यूजीसी ने कॉलेजों को नोटिस जारी करके निर्देश दिया है।
कॉलेजों के साथ ही यूजीसी सेक्रेटरी मनीष जोशी ने स्टूडेंट्स से भी आग्रह किया है कि वे इस कोर्स में एडमिशन न लें. यानी अब से एम.फिल कोर्स की मान्यता खत्म कर दी गई है. मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री बंद करने का आदेश यूजीसी ने आज ही पारित किया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 26 दिसंबर को एमफिल के संबंध में एक पत्र जारी किया है, जिसके बाद से एमफिल करने वाले विद्यार्थियों को एक बड़ा झटका लगा।
यूजीसी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि यूजीसी ने एमफिल प्रोग्राम बंद कर दिया है। यूजीसी ने अब छात्रों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश न लेने की चेतावनी दी है, क्योंकि यह अब एक मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है। आयोग ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालय अभी भी एम.फिल (मास्टर ऑफ फिलॉसफी) कार्यक्रम के लिए नए आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन इस डिग्री को बंद कर दिया गया है।
यूजीसी ने कहा कि यह सूचित किया जाता है कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम, 2022 तैयार किया है जिसे 7 नवंबर, 2022 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों को भी 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए एम.फिल कार्यक्रम में प्रवेश रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा कि संज्ञान में आया है कि कुछ विश्वविद्यालय एम.फिल के लिए नए आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। इस संबंध में, यह ध्यान में लाना है कि एम.फिल. डिग्री कोई मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है। यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम 2022 के विनियमन संख्या 14 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उच्च शैक्षणिक संस्थान एम.फिल की पेशकश नहीं करेंगे।
यूजीसी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम, 2022 तैयार किया है, जिसे 7 नवंबर, 2022 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। इसलिए विश्वविद्यालयों के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए एमफिल पाठ्यक्रम में प्रवेश रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं। इसके अलावा छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे एमफिल पाठ्यक्रम में प्रवेश न लें।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]