Haldwani : बिजली के पारंपरिक मीटरों को प्रीपेड मीटर में बदलने के सरकारी फैसले पर व्यापक विरोध उभर रहा है। क्षेत्रीय विधायक सुमित हृदेश ने इस निर्णय के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक विरोध करने का ऐलान किया है।
विरोध के प्रमुख कारण:
आर्थिक बोझ:
उपभोक्ताओं का कहना है कि प्रीपेड मीटर के कारण पहले से बिजली के उपयोग के लिए भुगतान करना होगा, जिससे परिवारों के बजट पर दबाव पड़ेगा।
तकनीकी समस्याएं:
ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के चलते प्रीपेड सिस्टम ठीक से काम नहीं कर पाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को दिक्कत हो सकती है।
पारदर्शिता की कमी:
लोग मानते हैं कि इस फैसले को जल्दबाजी में लागू किया गया है और आम जनता से विचार-विमर्श नहीं किया गया।
आशंका:
उपभोक्ताओं को डर है कि समय पर रिचार्ज न होने पर बिजली कट जाएगी, जिससे दैनिक जीवन में परेशानी आएगी।
विधायक का बयान:
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश ने कहा कि यह कदम जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने आवाज नहीं सुनी, तो वे विरोध को और तेज करेंगे।
प्रभावित लोग:
प्रीपेड मीटर से सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवार प्रभावित होंगे। कई उपभोक्ता संगठनों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है।
सरकार का पक्ष:
सरकार का कहना है कि प्रीपेड मीटर से बिजली चोरी रुकेगी और वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, लेकिन जनता का कहना है कि इसे बिना ठोस तैयारी के लागू करना गलत है।
यह विरोध हल्द्वानी में बड़ा मुद्दा बन गया है। आगे यह देखना ये होगा कि सरकार और जनता के बीच इसका समाधान कैसे निकलता है।
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