उत्तराखण्ड के भीमताल में एक आई.ए.एस.की कोठी से ₹50करोड़ चोरी होने के मामले की चर्चाओं के बीच भीमताल पहुंचे एक पूर्व आई.पी.एस.ने पुलिस से सत्यता की जांच कर ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करने की मांग की है।
पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि आरोपी अधिकारी ने चोरी से इनकार किया, लेकिन घटनास्थल पर पड़ोसियों ने बाहरी पुलिस के आने की जानकारी दी है।
नैनीताल जिले में भीमताल की एक कोठी से ₹50करोड़ की धनराशि चोरी होने से सनसनी फैल गई। सोशियल मीडिया में यू.पी.के एक आई.ए.एस.अधिकारी की कोठी से इतनी बड़ी धनराशि गायब होने की खबर ने यू.पी.और ऊत्तराखण्ड में तहलका मचा दिया।
इस बीच इस मुद्दे पर यू पी के एक सेवानिवृत्त आई.पी.एस.अधिकारी के चर्चाओं में आए आई.ए.एस.का नाम लेने से घमासान होने लगा। आज पूर्व आई.पी.एस.अमिताभ ठाकुर ने भीमताल पहुंचकर पत्रकार वार्ता करी। उन्होंने कहा कि चर्चित घटना की तह तक पहुंचना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि प्रकरण के बीच उन्हें एक नाम पता चला जिसपर उन्होंने चर्चा की। उक्त अधिकारी ने उन्हें फोन कर कोठी उनकी नहीं होने की जानकारी दी जिसपर उन्होंने तत्काल श्रमा मांग ली। उन्होंने प्रेस से मिलकर कहा कि संयोग से मौके पर पहुंचने पर उन्हें जानकारी मिली है कि कोठी आई.ए.एस.के नजदीकी की है।
दावा किया कि कोठी स्वामी तो चोरी होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन पड़ोस में रहने वाले इस बात पर कायम हैं की वहां बाहरी पुलिस आई थी। उन्होंने पुलिस मुखिया से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बुधवार शाम नैनीताल पहुंचे डी.जी.पी. अभिनव कुमार ने कहा था कि चोरी की चर्चाएं तो खूब हो रही हैं, जो सोशियल मीडिया और मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं। लेकिन इसमें कोई भी पीड़ित पक्ष शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं आया है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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