चमोली उत्तराखंड : आपदा में नायक बन कर उभरे त्रिवेंद्र सिंह रावत,हर मोर्चे पर रख रहे हैं, पैनी नज़र.. हमारे पास मौजूद हैं आपदा से निपटने के पर्याप्त संसाधन… सीएम.. जानें पूरी ख़बर

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चमोली 10.FEBUARY 2021 GKM NEWS उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ में कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं और काफी जान-माल का नुकसान हुई है। हादसा होने के बाद अब इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है. इसके साथ ही प्रशासन और शासन लगातार नज़र बनाये हुए है..मुख्यमंत्री पल-पल की जानकारी ले रहे हैं..

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सोमवार को फिर आपदाग्रस्त तपोवन (चमोली) का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद अफसरों के साथ राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा भी की. इससे पहले भी रविवार को भी सीएम ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था। सोमवार को राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर अफसरों की बैठक लेने के बाद वे फिर प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर निकल गए। वे रात में चमोली में ठहरे और राहत व बचाव के कार्यों का जायजा लिया.

उन्होंने लोगों से यह भी अपील की है कि इस हादसे को विकास के खिलाफ प्रोपगैंडा न बनाएं। उधर, सरकार ने ग्लेशियरों से होने वाली संभावित आपदा के मद्देनजर गोमुख क्षेत्र के गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) की निगरानी के लिए वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को बजट आवंटित करने पर सहमति भी दे दी है.

सीएम त्रिवेंद्र ने संस्थान के निदेशक से शीतकालीन मौसम के दौरान गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र में किसी भूस्खलन या कृत्रिम झील आदि के निर्माण के निरीक्षण के लिए एक टीम भेजने का आग्रह भी किया है। इसके लिए वाडिया को 12 लाख रुपये रिलीज करने के आदेश किए हैं।

डब्ल्यूआईएचजी की दो टीमें सोमवार को जोशीमठ के लिए रवाना हुई थीं, ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। इन टीमों में पांच हिमनद विज्ञानी हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (डीएसटी) के तहत आने वाले संस्थान में हिमालयी पर्यावरण और भू विज्ञान पढ़ाया जाता है। सैन ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट डीएसटी को भेजी जाएगी।

सरकार ने चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, चंपावत, उत्तरकाशी, व देहरादून के लिए वित्तीय वर्ष के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के संचालन के लिए बजट दे दिया है। इसके तहत 7.83 पारिश्रमिक व 11 लाख परिचालन केंद्र के तहत दिए हैं। उधर, आपदा से प्रभावित चमोली को 20 करोड़ आवंटित कर दिए हैं।

चमोली में हुए हादसे में मृतको की संख्या लगातार बढ़ रही है.. अभी राहत और बचाव कार्य जारी है..आपको बता दे कि ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से कई लोग अभी भी लापता हैं.

इनमें से टनल में फंसे हुए मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 32 शव निकाले जा चुके हैं, इससे पहले 2 की शिनाख्त हो गई थी. अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है। 172 लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं..

इसके साथ ही 6 लोग घायल बताये जा रहें हैं. NTPC द्वारा 12 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि 5 पुल भी प्रभावित हुये हैं जिनमे से में PWD के 2 ग्रामीण विभाग का एक वीआरओ का एक और एक एनटीसी का एक बताया रहा है. इसके साथ ही 13 गाँवो कि बिजली भी प्रभावित हुई हैं. जिनमे से कई को बहाल किया जा चुका है..


खबर के अनुसार अभी घटनास्थल पर NDRF, के 70 जवान और RTBP के 425जवान SSB की 1 टीम आर्मी के 124 जवान जिनमे नेवी के जवान एयरफोर्स के जवान और हेप्टिस के जवान भी मौजूद हैं.. इसके साथ ही घटनास्थल पर आर्मी की मेडिकल टीम जिसमें 2 मेडिकल टीम और 2 AMPULANCE मौजूद हैं और 4स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद हैं


इसके साथ ही वहां 16 फेयरमेन राजस्व विभाग के 20 के कर्मी पुलिस दूरसंचार के 7 और सिविल पुलिस के 26 कर्मी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं.. इसके साथ भी शासन और प्रशासन भी अपनी नज़र बनाये हुए है..

चमोली में आई जल प्रलय से 174 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 32 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 8 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चौथे दिन थी राहत बचाव कार्य जारी है। वहीं मंगलवार काे रातभर टनल से मलबा हटाने का कार्य चला। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। बताया जा रहा है कि अभी टनल से मलबा हटाने में और समय लगेगा।

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