नैनीताल की अंतराष्ट्रीय कयाक नैना को ‘सिर आंखों में बैठाया’ नैनीताल के समाजसेवियों और खेल प्रेमियों ने..

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उत्तराखंड में नैनीताल की नैना अधिकारी को कयाकिंग के अंतराष्ट्रीय पटल पर छाने के लिए नैनीताल की खेल प्रेमी जनता ने ‘सिर आंखों पर बैठा लिया’। भारतीय टीम की अहम कयाक नैना अब लंदन ओलंपिक की तैयारी के लिए जाम्बिया की नदियों में कयाकिंग करती दिखेगी।
नैनीताल के प्रतिष्टित सैंट मरीज कान्वेंट स्कूल से अपनी 12वीं तक कि शिक्षा ग्रहण करने के बाद नैना ने देहरादून के डी.आई.टी.के फाइनल ईयर में प्रवेश कर लिया है।

‘छोटे कद काठी और बड़े उद्देश्य’ वाली नैना अधिकारी ने बताया कि वो जब छोटी थी तो जाड़ों की छुट्टियों में अपने नानी के घर ऋषिकेश गई थी, जहां उसके छोटे चाचा कयाकिंग किया करते थे। नैना को उसके चाचा भूपेंद्र अधिकारी ने कयाक करना सिखाया। कुल 13 वर्ष की उम्र में नैना को कयाकिंग की ऐसी लत लगी कि वो इसी खेल में घुस गई। नयना ने धीरे धीरे स्टेट, नैशनल और फिर इंटरनेशनल स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी।

महिलाओं के लिए मुश्किल माने जाने वाली कयाकिंग प्रतियोगिताओं में 22 वर्षीय नयना ने हिस्सा लेना शुरू कर दिया। खतरनाक वाइट वाटर राफ्टिंग में मुश्किल ग्रेड 4+ में कयाक करने की चुनौती लेने वाली नैना की अबतक की उपलब्धियों में गंगा कयाक महोत्सव 2014 में सर्वश्रेष्ठ पदार्पण पुरस्कार(ओपन इंटरनेशनल प्रतियोगिता), केरल के मालाबार रिवर फेस्टिवल 2014 में सबसे कम उम्र की भारतीय प्रतिस्पर्धी कयाक पुरस्कार, दिल्ली ओलंपिक खेल 2018 में कयाक स्प्रिंट में स्वर्ण पदक, मध्य प्रदेश में 2019 स्प्रिंट/स्लैलम, कैनो स्लैलम नैशनल्स में दो कांस्य पदक, मालाबार रिवर फेस्टिवल 2019 में सिल्वर और ब्रॉन्ज, एक ही प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक और एक कांस्य भी जीता, ऑस्ट्रेलियाई कैनो स्लैलम चैंपियनशिप 2019 के लिए भारतीय टीम में चयनित हुई, गंगा कयाक फेस्टिवल 2019 में ओवरऑल चैंपियन टाइटल और बैस्ट इंडियन फीमेल पैडलर अवार्ड, लद्दाख 2019 में विश्व की सबसे ऊंची अंतराष्ट्रीय कयाकिंग प्रतियोगिता में रजत समेत असंख्य भारतीय प्रतियोगिताओं में मैडल हासिल किए हैं।

इसके अलावा नैना ने इसी वर्ष जर्मनी में कैनो स्लैलम वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और वो दक्षिण अमेरिका के चिली में कयाकिंग अभियान करने वाली पहली भारतीय महिला कयाक भी हैं। कयाकिंग में उपलब्धियों के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी उन्हें सम्मानित किया।


नैनीताल के डी.एस.ए.फ्लैट्स मैदान सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में विधायक सरिता आर्या और ओलंपियन राजेन्द्र सिंह रावत की मौजूदगी में नयना को फूलों से लाद दिया गया। नैना की माँ जया अधिकारी एक शिक्षिका हैं जबकि पिता विजय अधिकारी ठेकेदार हैं। नैना का भाई शिवम अभी शिक्षा ग्रहण कर रहा है। इस मौके पर डी.एस.ए.के महासचिव अनिल गड़िया, पूर्व महासचिव अजय साह, पूर्ण नगर पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ‘मोंटू’, मारुति साह, कमलेश धौंडियाल, राजू वर्मा, रुचिर साह, भुवन बिष्ट, आनंद जोशी, विक्रम राठौड़ आदि नैनीताल के समाजसेवी और खेल प्रेमी मौजूद रहे।
नैना ने बताया कि अभी तो वो खेल के लिए नैपाल जा रही हैं और उसके बाद लंदन ओलंपिक्स की तैयारी के लिए जाम्बिया की नदियों में प्रैक्टिस करेंगी।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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