मां के नाम हरियाली_ हरेला का अनमोल उपहार


हरेला महापर्व: प्रकृति से जुड़ाव और संरक्षण का संदेश, सिटी पार्क में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने किया पौधारोपण
हल्द्वानी : उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति से गहरे जुड़ाव का प्रतीक हरेला महापर्व पूरे जनपद में उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को समर्पित व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी देखने को मिली।
मुख्य आयोजन हल्द्वानी के सिटी पार्क में आयोजित किया गया, जहां कार्यक्रम का शुभारंभ कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत और कालाढूंगी विधायक श्री बंशीधर भगत द्वारा पौधारोपण कर किया गया।
“हरेला केवल पर्व नहीं, प्रकृति के प्रति कर्तव्य है” – आयुक्त दीपक रावत
इस अवसर पर आयुक्त श्री रावत ने कहा, “हरेला सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति में प्रकृति के प्रति संवेदना और दायित्व को जीवंत करता है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान इस दिशा में एक संवेदनात्मक पहल है, जो हमें न केवल हरियाली से जोड़ता है, बल्कि हमें अपनी जड़ों और परिवार से भी भावनात्मक रूप से जोड़ता है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस परंपरा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और आने वाली पीढ़ियों को भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दें।
“हरेला प्रेरणा है, प्रकृति की रक्षा का संकल्प” विधायक बंशीधर भगत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि “हरेला पर्व हमें हर साल यह याद दिलाता है कि हम प्रकृति के रक्षक हैं, उपभोक्ता नहीं।” उन्होंने कहा कि बदलते पर्यावरणीय परिदृश्य में जनभागीदारी के माध्यम से ही स्थायी समाधान संभव हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हर साल कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बड़ा होते देखने की जिम्मेदारी भी निभाएं।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सहभागिता
इस मौके पर जिले के अनेक वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, अपर जिलाधिकारी विवेक राय, नगर आयुक्त ऋचा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, उप जिलाधिकारी राहुल शाह, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, समेत कई विभागों के अधिकारी शामिल थे। सभी ने मिलकर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए और हरेला पर्व को एक हरित उत्सव के रूप में मनाया।
स्कूली बच्चों और सामाजिक संगठनों ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बच्चों ने पर्यावरण जागरूकता से जुड़ी पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से संदेश दिया कि हरा-भरा उत्तराखंड ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी है।
पूरे जिले में मनाया गया हरेला, बना पर्यावरण का जनांदोलन
सिर्फ सिटी पार्क ही नहीं, बल्कि जिले के प्रत्येक विकासखंड, विद्यालय, पंचायत, सरकारी कार्यालयों और सामुदायिक केंद्रों में भी पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय लोगों ने अपने घरों, खेतों और आसपास के क्षेत्रों में पौधे लगाकर इस पर्व को जीवंत रूप दिया।
हरेला पर्व ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब जनप्रतिनिधि, प्रशासन और आम जनता एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लें, तो हरियाली केवल सपना नहीं, हकीकत बन सकती है। “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे भावनात्मक और जिम्मेदार अभियानों से हरेला पर्व अब एक सामाजिक चेतना का रूप ले चुका है — जो हर साल हरियाली के नए अध्याय की शुरुआत करता है।


लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: newsgkm@gmail.com