नैनीताल के जंगलों में नशे की जड़ पर पुलिस का कड़ा प्रहार

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उत्तराखण्ड में नैनीताल के जंगलों में अवैध रूप से उगाई जा रही नशे में इस्तेमाल होने वाली भांग पत्तियों को पुलिस टीम ने बड़ी मात्रा में नष्ट किया। पुलिस आगे भी इस तरह की अवैध खेती को पनपने से रोकने की कोशिश करेगी।


नैनीताल जिले के पहाड़ी गांव कोटजाला, लमजाला और बानना में बड़ी तादाद में भांग की खेती की जानकारी नैनीताल पुलिस को मिली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना के निर्देशों पर भीमताल थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट अपनी टीम के साथ कोटजाला गांव, लमजाला गांव और बानना गांव की 50 नाली से अधिक क्षेत्र में उग रही भांग की अवैध खेती को नष्ट करने पहुंचे।

पुलिस के नशा मुक्ति अभियान के तहत गांव में अवैध भांग की खेती को पुरुष और महिला जवानों ने पूरी तरह से काट दिया और नष्ट कर दिया। जानकारी के अनुसार, अवैध कार्यों में लिप्त कुछ ग्रामीण इस भांग की फसल से नशा देने वाली भांग(चरस/दम)बनाते हैं और महंगे दामों में बाजार में बेचते हैं। पुलिस और प्रशासन की टीमें समय समय पर इस खेती को काटकर भांग के निर्माण पर रोक लगाती है।

खेती को देखकर साफ जाहिर होता है कि अब ये नशे से जुड़े पदार्थ का फल देने के लिए उपयुक्त हो गई है। पुलिस की टीम में उप निरीक्षक जसवीर सिंह, उप निरीक्षक सिमरन, मुख्य आरक्षी हुकुम सिंह, मुख्य आरक्षी अवधेश शर्मा, मुख्य आरक्षी योगेश लोहनी, आरक्षी बहादुर सिंह और आरक्षी मनोज पंत ने भांग की खेती को नष्ट कर कुछ हद तक इस नशे पर रोक लगाई।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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