कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत,ढह गया भाजपा का किला-सूपड़ा साफ

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Karnataka Election Result 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती जारी है. रेस में कांग्रेस आगे चल रही है. रुझानों से ये साफ हो गया है कि कर्नाटक में कांग्रेस बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है. खबर लिखे जाने तक रुझान में कांग्रेस को 137 बीजेपी को 62 और जेडीएस के खाते में लगभग 22 से 25 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं

देश का पॉलिटिकल मैप बदलने वाला है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इसे तय कर दिया है। बीजेपी भारत के मानचित्र पर कांग्रेसमुक्त अभियान चला रही थी, उसके उलट आपको कई स्पॉट दिखेंगे। कांग्रेस के शासन वाले राज्यों के स्पॉट। कर्नाटक उसमें जुड़ने जा रहा है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल में कांग्रेस अपने बूते सरकार चला रही है। बिहार में भी महागठबंधन की सरकार है। इसमें कोई दो राय नहीं है कांग्रेस ने बढ़त हासिल कर ली है। कर्नाटक ने 2024 की तैयारी में लगी भारतीय जनता पार्टी को सेटबैक दिया है। अब देखना है कि कांग्रेस इस साइकोलॉजिकल गेम में कब तक बढ़त बनाए रखती है।

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है. पार्टी 134 से ज्यादा सीटों पर आगे है. वहीं, बीजेपी 61 सीटों पर आगे है. जबकि जेडीएस तीसरे नंबर पर है. कांग्रेस ने बेंगलुरु के 5 स्टार हिल्टन होटल में 50 कमरे बुक किए हैं. जीते हुए विधायकों को रात 8 बजे तक होटल में पहुंचने के लिए कहा गया है. कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. 10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों पर मतदान हुआ था. आजतक-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी.

कर्नाटक में मोहब्बत की दुकानें खुली हैं- राहुल

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को मिले स्पष्ट बहुमत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम गरीबों के मुद्दे पर लड़े. हमने मोहब्बत से प्यार से यह लड़ाई लड़ी. कर्नाटक की जनता ने हमे दिखाया कि मोहब्बत इस देश को अच्छी लगती है. कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ है. मोहब्बत की दुकानें खुली हैं. यह सबकी जीत है. यह कर्नाटक की जनता की जीत है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हमने कर्नाटक की जनता से 5 वादे किए थे. इन वादों को पहले दिन, पहली कैबिनेट में पूरा किया जाएगा.

सभी 5 गारंटियों को पूरा किया जाएगा: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,’कर्नाटक की जनता ने हमें भारी बहुमत दिया है. वह इसके लिए कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद देत हैं. हाथ जोड़कर उन्हें नमस्कार करते हैं. हमारे काम उनके विश्वास के साथ न्याय करेगा. हम सभी 5 गारंटियों को पूरा करेंगे.’

कर्नाटक में चुनाव प्रचार के लिए सोनिया गांधी भी गईं लेकिन स्टेट लीडरशिप का रोल हमेशा ऊपर रहा। यह एक अच्छी बात है। मुझे लगता है कि इसका फायदा कांग्रेस को फायदा मिला। इसका फायदा केंद्र की राजनीति में मिलेगा। अब अगर सिद्धारमैया सीएम बनते हैं, तो जो कर्नाटक की लीडरशिप राहुल गांधी को बैक करेगी। इसलिए लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की राजनीति में कांग्रेस मजबूत ताकत के रूप में उभरेगी।

बीजेपी लाख कोशिश कर ले, जिस तरीके से पूरी की पूरी सेंट्रल लीडरशिप वहां मौजूद थी, सारे स्टेट के वोट खिंचाऊ नेता चाहे वह योगी आदित्यनाथ हों, चाहे हेमंत बिस्वशर्मा हो, सब मौजूद रहे। कट्टर हिंदुत्व को उन्होंने बेचने की कोशिश की। वह सफल होता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस ने अपनी तरफ से एक गलती की, अपने मैनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की और PFI के बराबर उसकी तुलना की। उसको बजरंगबलि के अपमान तक ले जाने की जो कोशिश हुई जिसमें खुद प्रधानमंत्री शामिल रहे। लेकिन कर्नाटक की जनता ने इस फालतू मुद्दों पर ध्यान ही नहीं दिया।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी। हालांकि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के अनुसार यह संकेत मिलने लगे थे कि कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी हो सकती है। शनिवार को जब चुनाव परिणाम आए तो शुरुआती घंटों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही थी। लेकिन जैसे-जैसे ईवीएम खुलते गए और मतगणना के टेबल राउंड की संख्या बढ़ती चली गई, कर्नाटक में बीजेपी की हार के बाद बिहार से आरजेडी का सियासी हमलावैसे-वैसे कांग्रेस बीजेपी पर हावी होती चली गई। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत देकर सरकार चलाने का आदेश दिया है। कांग्रेस की इस जीत के बाद जहां कांग्रेस के नेता बीजेपी पर तंज कस रहे हैं, वहीं बिहार में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

दक्षिणी राज्य में अंतिम परिणाम अगले साल के लोकसभा चुनावों पर असर डालेंगे. बीजेपी की कर्नाटक हार जाती है तो बीजेपी अपने पास मौजूद एकमात्र दक्षिणी राज्य को खो देगी. जिसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा.

बीजेपी को तगड़ी चुनावी हार के बाद साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें कर्नाटक में घट सकती हैं. 2019 लोकसभा चुनाव मे राज्य की 28 सीटों में से बीजेपी ने 25 और उसके समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस-जेडीएस को एक-एक सीट मिली थी. इस बार कर्नाटक में बीजेपी की हार होती है तो पार्टी के लिए सूबे में 2019 के नतीजे दोहरा पाना मुश्किल होगा और कांग्रेस की सीटें बढ़ सकती हैं.

दक्षिण भारत के बाकी राज्यों में भी मिल सकती है हार

बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में कर्नाटक को बीजेपी के लिए सबसे मजबूत राज्य माना जाता है. यहां पर बीजेपी पहले भी कई बार सरकार बना चुकी है और अभी भी राज्य की सत्ता में है. अगले साल 2024 लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में अगर बीजेपी कर्नाटक विधानसभा चुनाव की हार उसके लिए दक्षिण भारत के अन्य राज्य- तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में जीत हासिल करना बड़ी चुनौती होगी, जिसका सीधा असर 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।

बता दें कि दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुड्डुचेरी में मिलाकर लोकसभा की कुल 130 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास फिलहाल 29 सीटें ही हैं. इसमें से भी 25 सीटें उसे अकेले कर्नाटक से ही मिली है. तेलंगाना से बीजेपी के पास चार सांसद है. साफ है कि बीजेपी की कर्नाटक में हार से दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में खाता खोलना मुशकिल हो जाएगा.

कर्नाटक की हार यानी बीजेपी के लिए लोकसभा चुनावों में कांटे
कर्नाटक के भूगोल को देखें तो उत्तर में महाराष्ट्र, उत्तर पश्चिम में गोवा, दक्षिण में केरल, दक्षिण पूर्व में तमिलनाडु, पूर्व में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना है. कर्नाटक को मिलाकर इन सभी राज्यों की लोकसभा सीटों को मिलाकर कुल 179 सीटें बैठती हैं. यानी कर्नाटक विधानसभा में कमल के नहीं खिलने का मतलब ये होगा कि लोकसभा चुनावों की राह में कांटे बीजेपी की राह में कांटे बो दिए गए हैं.

सीटों की भरपाई करना बीजेपी के लिए होगी चुनौती

कर्नाटक के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र में भी बीजेपी की सीटें घट सकती हैं. इन राज्यों में हो रहे सीटों के नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी को नए राज्य तलाशने होंगे जो सबसे बड़ी चुनौती होगी.

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