बड़ा खुलासा : क्यों ना हो पहाड़ों पर हादसे, 65% ड्राइवरों की नज़र कमज़ोर,ज़िम्मेदार कौन ?

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड : पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रहे दर्दनाक़ सड़क हादसों के लिए कौन जिम्मेदार है? यह सवाल जहन में आते ही हम कई तरह के कारणों के बारे में सोचने लगते हैं जैसे कि सड़क की बदहाली, ओवरस्पीडिंग ओवरलोडिंग या ड्राइवर का नशे या नींद में होना. हालांकि इन सबके अलावा भी एक वजह है जिससे सड़क हादसे होते हैं और वह है ड्राइवर का मेडिकली फिट न होना. उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके में रोडवेज बस के चालकों का तो यही हाल है. 

मेडिकल जांच ने उड़ा दिए होश
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने रोडवेज के एक पर्वतीय डिपो के ड्राइवरों की आंखों की जांच (Eye Test) कराई गई तो जांच रिपोर्ट ने हैरान करने वाले तथ्य सामने रखे. इनमें से लगभग 65 प्रतिशत ड्राइवर की नजरें न केवल कमजोर निकलीं बल्कि कुछ को तो मोतियाबिंद की भी शिकायत थी. जांच रिपोर्ट के बाद राज्य परिवहन निगम ने इलाज कराने के आदेश दिए हैं.  बता दें कि उत्तराखंड में कुल 19 बस डिपो हैं जिनमें से अधिकांश पर्वतीय क्षेत्र में आते हैं. 

25 प्रतिशत को चश्मे के साथ भी नहीं आता नजर

इस नेत्र शिविर में 100 ड्राइवर, परिचालक और अन्य स्टाफ ने भाग लिया और अपनी आंखों की जांच कराई. इनमें से 25 प्रतिशत ड्राइवर की हालत ऐसी है कि उन्हें वाहन चलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्हें तो चश्मे के साथ भी साफ-साफ दिखाने नहीं दे रहा था. पर्वतीय इलाकों में वाहन चलाना वैसे ही खतरनाक होता है जहां थोड़ी सी गलती पर वाहन के खाई में गिरने का खतरा बना रहता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि इन बसों पर यात्रा करने वाले यात्री भगवान भरोसे ही सफर करते हैं.

वहीं, उत्तराखंड पहला राज्य नहीं है जहां वाहन चालकों की नजरें कमजोर पाई गई हैं. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में आए दिन हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए ट्रक ड्राइवरों की आंखों की जांच कराई गई. इस शिविर में 500 ड्राइवरों ने हिस्सा लिया था और हैरानी की बात यह रही कि 450 ड्राइवरों ने देखने में तकलीफ की शिकायत की थी. 

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page