उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गढ़वाल की हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से डी.ए.वी.कॉलेज देहरादून सहित 9 अन्य कालेजों की सम्बद्धता समाप्त किए जाने को लेकर डी.ए.वी.कालेज मैनेजमेंट की याचिका पर सुनवाई की।
मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने सम्बद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। खण्डपीठ ने केवल डी.ए.वी.कॉलेज की संवद्धता समाप्त करने के आदेश पर ही रोक लगा रखी है, अन्य कॉलेजों पर नहीं। क्योंकि आज डी.ए.वी.कॉलेज के द्वारा ही याचिका दायर की गयी है।
मामले के अनुसार डी.ए.वी.कॉलेज प्रबंधन ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा कि हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर की एक्जयुक्यूटिव बोर्ड ने डी.ए.वी.कॉलेज सहित 9 अन्य कालेजों की सम्बद्धता समाप्त कर दी। इसमें देहरादून के कई बड़े कालेज भी शामिल हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कॉलेजों की संवद्धता समाप्त करते हुए उनकी विश्वविद्यालय की वैबसाइट से नाम हटाने के आदेश भी दे दिए हैं। जिसकी वजह से हजारों बच्चों के भविष्य पर खतरा उतपन्न हो गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने बिना किसी कालेज का पक्ष सुने और न ही नियमावली का अवलोकन किये उनकी संवद्धता समाप्त कर दी। इसलिए इस आदेश पर रोक लगाई जाय। फिलहाल अभी केवल DAV की संबद्धता समाप्त होने के आदेश पर रोक लगी है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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