हल्द्वानी :अब इन ज़मीनों पर बने मकानों के ख़िलाफ़ एक्शन की तैयारी,आदेश जारी..

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हल्द्वानी शहर में नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराए बिना ही नया निर्माण कार्य कराने के मामले सामने आए हैं। नियमों को ताक पर रख रहे ऐसे करीब एक दर्जन लोगों को नगर निगम जल्द ही नोटिस जारी करेगा। मंगलवार को मामले में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने आदेश जारी कर अफसरों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

नजूल भूमि को निरस्त करने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर बीते साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ण रूप से रोक लगा दी थी। इससे हल्द्वानी शहर के करीब एक लाख लोगों को राहत मिली थी। निगम के दस्तावेजों में दर्ज करीब 394.61 हेक्टेयर भूमि नजूल है। इसमें रहने वाले लोग मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से जद्दोजहत कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद निकायों में नजूल नीति 2021 के मानकों के तहत नजूल भूखंड फ्री होल्ड कराने की कार्रवाई चल रही है। लेकिन शहर में कई लोग नजूल नीति के मानकों को ही ताक पर रखकर मनमानी कर रहे हैं। निगम के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराए बिना ही भूमि पर नया निर्माण कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि नजूल भूमि फ्री होल्ड कराने के बाद जब नक्शा पास होता है तभी उस भूमि पर नया निर्माण कार्य किया जा सकता है।

अफसरों को दिए निगरानी करने के आदेश

मामले में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में सहायक नगर आयुक्त नजूल और नगर निगम के सर्वेयर को आदेश दिए हैं कि निगम क्षेत्र की खाली नजूल भूमि की लगातार निगरानी करें। कहा है कि फ्री होल्ड कराई गई नजूल भूमि और नक्शा स्वीकृत कराकर चल रहे निर्माण कार्य को छोड़कर शेष नजूल भूमि पर यदि कोई नया निर्माण कार्य पाया जाए तो संबंधित व्यक्ति को 03 दिन का नोटिस देकर निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए। इस कार्रवाई में राजस्व विभाग, जिला विकास प्राधिकरण और पुलिस विभाग का सहयोग भी लेने को कहा है।

शहर की 50% आबादी नजूल भूमि पर

नगर निगम की मानें तो आज से करीब तीन दशक पूर्व सर्वे कराकर शहर की नजूल भूमि का ब्यौरा तैयार किया गया था। उस समय 394.61 हेक्टेयर नजूल भूमि होने की बात सामने आई थी। उस समय शहर की आबादी 1.51 लाख थी। इसमें से करीब 75 हजार लोग नजूल भूमि पर रह रहे थे। तब और आज की जनसंख्या देखी जाए तो वर्तमान में नजूल भूमि पर रहने वालों की संख्या 1 लाख या इससे कुछ ऊपर ही होगी।

शहर में यहां है नजूल भूमि

काठगोदाम से बरेली रोड नवीन मंडी तक पूर्वी हिस्सा, रामपुर रोड पर भोलानाथ गार्डन क्षेत्र नजूल भूमि पर है। यदि क्षेत्रों की बात करें तो काठगोदाम, नई बस्ती, दुर्गा कॉलोनी, कुल्यालपुरा, कारखाना बाजार, नया बाजार, मंगल पड़ाव, साहूकारा लाइन, पटेल चौक, भवानीगंज, दमुवाढूंगा, इंदिरानगर पश्चिम व पूर्वी, लाइन नंबर 1 से 17 टनकपुर रोड, राजेंद्र नगर, इंद्रजीत गार्डन, कोहली गार्डन, भोटिया पड़ाव पूर्वी, सुभाषनगर, श्रमिक बस्ती शीशमहल, आवास-विकास का कुछ इलाका भी नजूल भूमि पर बसा है।

एक चौथाई भूमि हो चुकी है फ्री होल्ड

नगर निगम की 394.61 हेक्टेयर नजूल भूमि पर साल दर साल कब्जे बढ़ते गए। निगम के मुताबिक फ्री होल्ड नीति आने के बाद करीब 100 हेक्टेयर जमीन फ्री होल्ड हो चुकी है। बीच में फ्री होल्ड कराने पर रोक लगी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद फिर फ्री होल्ड की कार्रवाई शुरू हो गई है।

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