महामारी के दौरान माता-पिता को खोने वाले बच्चों का सहारा बनी सरकार.. शुरू की वात्सल्य योजना.. आवेदन के लिए जारी किए गए नंबर और ई-मेल आईडी…
: देहरादून : कोरोना की दूसरी लहर में सैकड़ो बच्चों ने अपने माँ बाप को खोया है. लेकिन उन बच्चों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है. खबर के मुताबिक कोरोना समेत दूसरी बीमारियों से जिन बच्चों के माता पिता की मौत हुई है राज्य सरकार ने उनके संरक्षण के लिए वात्सल्य योजना शुरू की है. राज्य सरकार ने वात्सल्य योजना में आवेदन करने के लिए ई-मेल आई डी और मोबाइल नंबर जारी किए है. जों ज़िलें प्रतिएक ज़िलें में जारी हुए है हर ज़िलें का नंबर दिया गया है.
वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन को शासन सक्रिय हो गया है
इस कड़ी में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अनाथ बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने इसके लिए वांछित अभिलेख तत्परता से तैयार कराने के निर्देश भी दिए। यह योजना एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेगी।
इसके साथ ही आवेदनपत्र और महिला एंव बाल विकास विभाग की वेबसाइड www.wecd.uk.gov.in और उपजिलाधिकारी / तहसीलदार ज़िला प्रोबेशन कार्यालय में उपलब्ध है. पूर्ण रूप से भरे आवेदन जिला प्रोबेशन कार्यालय को उपरोक्त ई – मेल पर और व्यक्तिगत रूप से कार्यदिवस में प्राप्त कराये जा सकते हैं. इसके साथ ही अधिक जानकारी के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1096 पर संपर्क कर सकते हैं
इसके तहत प्रभावित बच्चों को इस साल जुलाई से प्रति माह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी है।अपर मुख्य सचिव ने अपेक्षा की कि सभी जिलाधिकारी प्रभावित बच्चों को उनके मृत माता-पिता व संरक्षक के बैंक खाते, एफडी व बीमा पालिसी का लाभ प्रदान कराने के साथ ही आवश्यकतानुसार आवास योजना का लाभ भी दिलाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को रोजगार के लिए कौशल विकास योजनाओं का लाभ 21 वर्ष से आगे भी प्रदान किया जाए।
साथ ही प्रभावित बच्चों की बाल संरक्षण सेवाओं, वन स्टाप सेंटर, निजी विद्यालयों में कार्यरत विशेषज्ञ काउंसलरों से काउंसलिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में जिला स्तर पर एक अधिकारी एक प्रभावित बच्चे को संरक्षण प्रदान कर उसे योजनाओं का लाभ दिलाए। साथ ही व्यक्तिगत रूप से मिलकर प्रतिमाह बच्चे की प्रगति की जानकारी ले।
उन्होंने बाल गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण के मद्देनजर सभी डीएम को जरूरी अभिलेख तैयार कराने को कहा। उन्होंने अनाथ बच्चों का ब्योरा रोजाना बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए।सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल ने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि कोविड-19 व अन्य बीमारियों से मृत्यु से संबंधित रिपोर्ट किए गए प्रकरणों में जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर घर-घर जाकर प्रभावित बच्चों का सत्यापन कराया जाए।
सत्यापन कार्य में विभिन्न विभागों के ब्लाक, न्याय पंचायत व ग्राम स्तरीय कार्मिकों और जनप्रतिनिधियोंका सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे बच्चों की जरूरतों का आकलन कर सप्ताहभर में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
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