वन विभाग ने वनाग्नि सुरक्षा जन जागरूकता अभियान चलाया

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उत्तराखण्ड में नैनीताल और उसके आसपास के जंगलों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग ने वनाग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को वनाग्नि से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारियां दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मंगल दल, छात्र, छात्राएं और ग्रामीणों ने शिरकत की।

  नैनीताल समेत कुमाऊं के अन्य 5 जिलों में पिछले 7 दिनों से वनाग्नि का भयंकर प्रकोप देखने को मिला। इसे बुझाने के लिए सरकार ने एयरफोर्स, आर्मी, दमकल, वन, एन.डी.आर.एफ.और पी.आर.डी.के जवानों के साथ पुलिस और प्रशासन का भी इस्तेमाल किया। सोमवार शाम हुई हल्की बरसात ने वनाग्नि की रफ्तार को थामने में अहम मादद की। सारी मशीनरी ने मुश्किल हालातों में आग पर काफी हद तक काबू पाया। सरकार के आगे एक बढ़ी चुनौती जंगलों का सूखा होना है, क्योंकि इस वर्ष के शीतकाल में बरसात न के बराबर हुई। अब सरकार ने आने वाले मॉनसून तक आग से निबटने के लिए ग्रामीणों को सीधे जोड़ने और आग से सुरक्षा के उपाय बताए। 

   आज वन संरक्षक बीजू लाल टी.आर.के निर्देशन में नैना रेंज के फल्याणी गांव में वनाग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें नैना और कोसी वनक्षेत्र के अधिकारी/ कर्मचारी, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, सरपंच, ग्राम प्रधान एवं गरजोली इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य/अध्यापक, छात्र-छात्रायें और जन प्रतिनिधि मौजूद रहे। विभागीय अधिकारियों ने वनाग्नि से हो रहे नुकसान और जमीनी स्तर पर बचाव की जानकारी दी। नैनीताल वन प्रभाग के 40 पंजीकृत महिला मंगल दल और युवक मंगल दल को वनाग्नि में सहयोग करने के लिये 15-15 हजार की दो किस्तों में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करने की बात कही। कार्यक्रम में वनाग्नि से बचाव के दौरान लोगों से समन्वय और इससे वन्यजीवों को नुकसान से बचाव के बारे में बताया। कार्यक्रम में सरपंच बारगल वन पंचायत हंसी देवी, सरपंच सिल्टोना आशा देवी, सरपंच फल्याणी जीवंती देवी, सरपंच गरजोली मदन सिंह बिष्ट, सरपंच जाख दीपक नेगी आदि उपस्थित रहे।
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