उत्तराखंड के न्यायालयों की सफाई के लिए उतरेंगे जज, शुरू होगा बड़ा स्वच्छता अभियान

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उत्तराखण्ड की न्यायपालिका के आह्वान पर पूरे राज्य में 18 जून को विशेष स्वच्छता अभियान और श्रमदान का आयोजन किया जा रहा है, साथ ही स्वच्छता अभियान में शामिल लोगों से पर्यावरण की स्वच्छता के लिये शपथपत्र भी भरवाए जाएंगे । शनिवार को इस आशय की अधिसूचना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अनुज संघल के हस्ताक्षरों से जारी हुई है।


दो जून को जारी हुई अधिसूचना में बताया गया है कि स्वच्छता अभियान उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय और उसके अधीनस्थ न्यायलयों में 18 जून को सुबह 8 बजे से 12 बजे तक चलेगा। उच्च न्यायालय में अभियान का नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों के साथ करेंगे।

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इस ड्राइव में न्यायालय के सभी अधिकारी भी शामिल होंगे। साथ ही एस.एल.एस.ए., उत्तराखंड बार काउंसिल, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन और एडवोकेट जनरल, मुख्य स्थायी अधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता जो उच्च न्यायालय परिसर में स्थित हैं वे भी इस अभियान में भाग लेकर “श्रम दान” करेंगे। इस अभियान के लिए पर्यटन स्थल, तीर्थ स्थलों और कचरा संवेदनशील स्थानों/क्षेत्रों, सड़कों को साफ करने के लिए चिन्हित किया जाएगा।
इस सम्बंध में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छ्ता अभियान में शामिल लोंगों से शपथ पत्र भरवाए जाएंगे। राज्य सरकार इस अभियान में बढ़चढ़कर शामिल होने के लिये पहले ही न्यायालय को आश्वस्त कर चुकी है ।

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मुख्य न्यायाधीश ने अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने 18 जून को बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने का निर्णय लिया था। न्यायालय ने सरकार से भी अनुरोध किया था कि इस अभियान में प्रसाशन भी शामिल हो।

न्यायालय ने केंद्र सरकार की स्वच्छतम भारत एप और उच्च न्यायलय की शिकायत वैबसाइट का व्यापक प्रचार प्रसार करने को भी कहा था। प्रदेश को स्वच्छ व कूड़े के निस्तारण के लिए उच्च न्यायलय कई बार राज्य सरकार को आदेश दे चुकी है, लेकिन उच्च न्यायलय के आदेशों का अनुपालन नहीं हो पा रहा है।

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जिसको लेकर न्यायालय ने खुद 18 जून को एक स्वच्छता अभियान रखा है, जिसका उदेश्य लोगो में जागरूकता लाना और पर्यावरण की शुरक्षा करना है। यह पत्र बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड, उच्च न्यायालय बार एशोसिएशन, मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय, स्टेट लीगल सर्विस ऑथॉरिटी, उच्च न्यायालय लीगल सर्विस अथॉरिटी, मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यलय यू.पी.नैनीताल, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल कार्यालय केंद्र सरकार नैनीताल, कमांडेंट पी.ए.सी.अटैच उच्च न्यायालय और सभी न्यायालयों के रजिस्ट्रार को इस मिशन को सफल बनाने हेतु प्रेषित किया है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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