प्रधानमंत्री मोदी की विजय के सारथी बने योगी : विरोधियों को किया चारो खाने चित
बिहार के चुनाव के नतीजों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनता में लोकप्रियता व पकड़-पहुंच के साथ प्रभाव को फिर साबित कर दिया है। बता दिया है कि जनता में मोदी की बातों पर भरोसा पूरी तरह कायम है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामों का असर तथा उनकी लोकप्रियता उत्तर प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों में भी लगातार बढ़ रही है। बिहार के नतीजों में वहां की ज्यादातर सीटों पर मोदी व योगी का जलवा दिखा । मोदी ने 12 तो योगी ने 19 सभाएं की जिनके प्रभाव में लगभग 176 सीटें आईं । जिनमें 109 पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) का झंडा फहरा दिया ।
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार चुनाव में चार दिनों में कुल 12 रैलियां कीं । 23 अक्टूबर को उन्होंने सासाराम, गया, भागलपुर में सभाएं की। दूसरे दौरे में 28 अक्टूबर को उन्होंने दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैलियां की । तीसरे दौर में 1 नवंबर को प्रधानमंत्री ने पूर्वी चंपारण, छपरा और समस्तीपुर की सभाओं को संबोधित किया । चौथे चरण के दौरे में 3 नवंबर को उन्होंने अंतिम चरण में आने वाली सीटों में पश्चिम चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज में चुनावी जन सभाएं की । चार चरणों में मोदी की 12 रैलियों के आसपास के इलाकों को जोड़ लिया जाए तो 101 सीटें प्रभाव में आईं । इनमें 59 पर एनडीए के प्रत्याशी जीते
लोगों का यह भी मानना है.. की ओवैसी ने मुस्लिम इलाको मे आरजेडी और कांग्रेस का वोट काटा है जिसका सीधा फ़ायदा बीजेपी को हुआ.. भले ओवैसी ने बिहार मे 5 सीटे जीती हों.. लेकिन यह भी सच है कि कई मुस्लिम इलाकों मे ओवैसी ने कांग्रेस और आरजेडी के वोट कटे.. 5 सीटे जीतने ओवैसी किया पार्टी बाकि सब सीटे हार गई.. और कांग्रेस और आरजेडी के वोट कटे जिसका सीखा फ़ायदा बीजेपी को.. अब भले आप यह बोल दें कि बिहार मे मोदी और योगी का जादू चला हों लेकिन आप यह भी नहीं भूल सकते कि काफ़ी जगह बीजेपी को ओवैसी कि वजह से भी फ़ायदा हुआ है.. क्योंकि मुस्लिम वोट बाटे जिसका सीधा फ़ायदा बीजेपी को हुआ
बिहार चुनाव के नतीजों पर पूरे देश कि नज़र थीं.. नतीजो से पहले एग्जिट पोल्स मे महागठबंधन को बहुमत मिलता दिख रहा था.. लेकिन 10 नवंबर को आये नतीजे एग्जिट पोल्स पर उलटे नज़र.. बहुमत के करीब बीजेपी अधिक करीब आई. बीजेपी और जेडयू दोनों को बहुमत मिल गया.. और महागठबंधन बहुमत से पीछे रह गया.. हालांकि तेजस्वी यादव की आरएलडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई. लेकिन सरकार बनाने मे सफल ना हों सकी.. मोदी और योगी का जादू चल गया.. लेकिन अगर बात बिहार के सबसे ज़ायदा सीट जीतने वाली पार्टी की करें तो वो आरएलडी बनी.. बिहार मे जहाँ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभाएं की थीं वहां वहां बीजेपी जीती.. हालांकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडयू को 43 सीटे ही मिल सकी..
धरातल पर भारतीय जनता पार्टी की स्थित बहुत मजबूत न होने के बाद भी पार्टी को मिली सफलता मिली. बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर हो रहे उपचुनावों में बीजेपी पांच सीट पर मजबूत बढ़त बना चुकी है। दो अन्य सीटों पर सपा के उम्मीदवार को बढ़त मिली है आ। लेकिन भाजपा ने शानदार प्रदर्शन कर सारे कयासों को धत्ता बता दिया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों के उपचुनाव में खुद की प्रतिष्ठा लगी होने के बावजूद उन्होंने बिहार में एनडीए उम्?मीदवारों की जबरदस्?त मांग पर वहां की सभाओं की जिम्मेदारी संभाली । ताबड़तोड़ 19 सभाएं की । जिनके प्रभाव में बिहार के 17 जिलों के 75 से अधिक विधान सभा क्षेत्र आए। इनमें से करीब 50 सीटों पर राजग उम्?मीदवारों ने जीत दर्ज की और योगी की आंधी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) व कांग्रेस के कई गढ़ ढहा दिए ।
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