विधानसभा चुनाव से पहले ही दिखने लगा पार्टी में असंतोष… क्या पांच अध्यक्ष का फार्मूला डूबा देगा कांग्रेस की नैया..

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देहरादून : विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस में हालिया बदलाव से पार्टी के भीतर असंतोष सतह पर दिखने लगा है खास तौर पर पांच अध्यक्षों के फार्मूले को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में असंतोष देखा जा रहा है पार्टी के नेताओं को लगता है कि इससे जनता के बीच गलत संदेश तो जाएगा ही साथ ही पार्टी कार्यकर्ता भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हो जाएंगे कि उनको इसकी बात माननी है वही जिस तरह से पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्षों का चयन किया है उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं विधायक हरीश धामी के बीते रोज नाराजगी जताने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवप्रभात ने मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और पार्टी प्रभारी को इसकी जानकारी दे दी नवप्रभात संगठन में हालिया बदलाव से नागपुर से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी बदलाव के इस फार्मूले से सहमत नहीं दिख रहे हैं.

इस मामले में उन्होंने नई दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से मुलाकात भी की है जहां नवप्रभात सीधे तौर पर कह चुके हैं की जिसकी नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए वही तय करें मेनिफेस्टो यानी उन्हें सीधे तौर पर कहा कि हरीश रावत ही मेनिफेस्टो भी बना ले वहीं पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी अध्यक्ष बनाने के फार्मूले से संतुष्ट नहीं है वह दिल्ली में देवेंद्र यादव से मुलाकात कर इस फार्मूले से पेश आने वाली दिक्कतों के बारे में उन्हें बता चुके हैं बीते रोज कार्यकारी अध्यक्ष पद पर कुछ नाम और कोषाध्यक्ष की नियुक्ति पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफे की चेतावनी देने वाले विधायक हरीश धामी का रूख जरूर बदल गया है लगता है हरीश रावत की डांट पड़ गई है । लेकिन कुल मिलाकर पार्टी के अंदर नाराजगियो का दौर जारी है.

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कुछ लोग कह रहे थे की कांग्रेस पार्टी के इस मास्टर स्ट्रोक से अब उत्तराखंड कांग्रेस ने सब कुछ ठीक होगा लेकिन असली लड़ाई तो अब शुरू हुई है जहां उत्तराखंड में भले ही कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी को मजबूत जिम्मेदारियों को बांट दिया हो एक नहीं 5 अध्यक्ष बना दिया हो 10 कमेटियां बना दी हो लेकिन नेताओं की लड़ाई तो अभी शुरु हुई है जी हां पार्टी आलाकमान ने दो नए सिपहसालार नई जिम्मेदारियों के साथ बनाए हैं लेकिन अभी दोनों ने अपना कार्यभार भी नहीं संभाला और बयान ऐसे जिससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस में आने वाले दिन बड़ी गुटबाजी के होंगे और हालात ऐसे होंगे कि कांग्रेस दो फाड़ होती दिखाई देगी जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह का बड़ा बयान सामने आया है कांग्रेस आलाकमान हरीश रावत को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया है कितने कयास लगाया जा रहे हैं कि वही सीएम के चेहरे होंगे और उन्हीं के चेहरे पर कांग्रेस चुनावी समर पर उतरेगी लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इन सारे कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है उनके अनुसार पार्टी 2022 के चुनाव में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी हालांकि जब उनसे हरीश रावत का नाम लेकर पूछा गया तो भी उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि क्या पार्टी ने किसी का नाम घोषित किया है.

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और अगर नहीं तो फिर सामूहिक नेतृत्व में ही पार्टी का चुनाव होगा जो हमेशा से हमारी रीति नीति रही है वही प्रीतम सिंह के बयान पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हरीश रावत का चेहरा पूरे प्रदेश में सर्वमान्य है वही सबसे बड़े नेता हैं सब लोग उनको पसंद करते हैं कांग्रेस पार्टी उनके चेहरे के साथ ही चुनाव में जाएगी चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा यह चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान तय करेगी इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टीम में नए बदलावों को लेकर प्रीतम सिंह भी खुश हैं.

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वह मुझे सबके सामने आशीर्वाद देंगे वही प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी की तरफ से आगामी चुनाव के लिए अभी कोई चेहरा नहीं बनाया गया है ऐसे में पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी नेताओं की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि जो फेरबदल हुआ है उससे कुछ लोग नाराज हो सकते हैं लेकिन इस सब का अधिकार भी है प्रीतम सिंह के बयान से साफ जाहिर है कि कांग्रेस के अंदर सिर फुटव्वल अभी थमा नहीं है ऐसे में जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में मचा घमासान नहीं थमा तो एक बार फिर कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनाव परेशानियों भरे होंगे ऐसे में पार्टी को स्पष्ट करना होगा की चुनाव हरीश रावत के नेतृत्व में होगा और वो ही सीएम का चेहरा होंगे वैसे बाकी सबको ये दिखाई दे रहा है कि चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी देकर पार्टी काफी हद तक साफ कर चुकी है फिर भी प्रीतम सिंह इसे मानने को तैयार नहीं हैं।

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