बागेश्वर : शम्भू नदी का प्रवाह भूस्खलन से हुआ बंद, ख़तरे की ज़द में कई गांव, लेटेस्ट तस्वीरों ने उड़ाई प्रशासन की नींद, देखें exclusive वीडियो…

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उत्तराखंड में बागेश्वर के कपकोट गांव की शंभू नदी में पहाड़ी से भूस्खलन होने से प्रवाह रुक गया है और खतरनाक जलभराव होता जा रहा है । दुर्गम क्षेत्र की नदी का ये सारा नजारा ड्रोन कैमरे की नजर में रिकॉर्ड हो गया, इससे चमोली जिले के कई गांव को खतरा पैदा हो गया है । घटना का प्रशासन ने तत्काल संज्ञान ले लिया है ।


बागेश्वर ज़िले में कपकोट विकासखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र कुवारी गांव से बहने वाली शंभू नदी में भूस्खलन की लेटेस्ट तस्वीरों ने प्रशासन की नींदें उड़ा दी हैं । ड्रोन कैमरे में रिकॉर्ड हुई वीडियो में नदी का मुंह भूस्खलन के कारण बन्द दिखाई दे रहा है । इस खतरनाक जल जमावड़े से बनी झील के टूटने की स्थिति में चमोली के कर्णप्रयाग, नारायण बगड़, थराली, देवाल समेत नदी के किनारे बसने वाले कई गांव को खतरा बन गया है। मॉनसून के आने से ठीक पहले बन रही इस अस्थाई झील के टूटने से बागेश्वर और चमोली ज़िले को खतरा हो रहा है ।

बागेश्वर जिले से निकलने वाली शंभू नदी किसी भी समय चमोली में बड़ी तबाही मचा सकती है। बागेश्वर जिले के अंतिम गांव कुंवारी से लगभग दो किमी आगे भूस्खलन के मलवे से शंभू नदी पट गई है जिससे यहां झील बनने लगी है। झील का आकार तेजी से बढ़ता जा रहा है।


शंभू नदी बोरबलड़ा गांव के शंभू ग्लेशियर से निकलती है जो कुंवारी गांव से पांच किलोमीटर आगे पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी में मिल जाती है। ये अस्थाई झील, बोरबलड़ा के भराकांडे से कुछ दूर कुंवारी की तलहटी के पास कालभ्योड़ नामक जगह पर बनी है । इसके टूटने से चमोली जिले के थराली, नारायण बगड़ और कुछ अन्य बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों को खतरा हो जाएगा । प्रशासन की नजरों में इस झील से गांव को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि गांव काफी ऊपर है। हालांकि, उन्होंने कहा कि लगातार भूस्खलन होने से गांव से विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया कि अतिसंवेदनशील रूप में चिह्नित 18 परिवारों को विस्थापित करने का बजट प्रशासन के पास आ गया है और उनमें से 10-12 परिवारों ने विस्थापन शुरू भी कर दिया है। बताया कि कुवारी गांव के 70-75 परिवारों को विस्थापन के लिए चिह्नित किया गया है।


बागेश्वर के अपर जिलाधिकारी सी.एस.इमलाल ने जानकारी देते हुए कहा कि कपकोट प्रशासन, आपदा प्रबंधन, भूगर्भ और वन विभाग की टीम इलाक़े का स्थलीय निरीक्षण कर आई हैं । उन्होंने संबंधित अधिकारी को जे.सी.बी.की मदद से शंभु नदी पर बनी अस्थायी झील की तत्काल जल निकासी करने के निर्देश दिए हैं ।
समय रहते मामले का संज्ञान नहीं लिया गया तो बरसात या उससे पहले बड़ा हादसा हो सकता है।

चंद्र सिंह इमलाल, ए.डी.एम.बागेश्वर

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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