वाह री सियासत, जिनपर कल माँ का कत्ल का लगाया था आरोप, आज हो गये बगलगीर।

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बाजपुर:  (GKM news) बाजपुर नगर पालिका चुनाव में भाजपा चेयरमैन प्रत्याशी ने कुर्सी पाने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं। जहां भाजपा प्रत्याशी अपनी माता की हत्या के मुख्य आरोपी के साथ चुनाव प्रचार में दिखाई दिए हैं। जिसे देख विपक्ष भी कई तरह के अटकलें लगा रहा है कि आखिर क्या कारण रहा कि भाजपा प्रत्याशी ने सूबे के मंत्री को माफ कर दिया।
वीओ 1 : बता दे कि वर्ष 2006 में बाजपुर विधानसभा क्षेत्र में चीनी मिल निवासी मूर्ति देवी की गोली लगने से हत्या हो गई थी। जिसके बाद मूर्ति देवी के पुत्र राजकुमार ने विधायक अरविंद पांडे समेत कई लोगों के खिलाफ पुलिस को अपनी माता की हत्या के मामले में तहरीर दी थी। जिसपर बाजपुर कोतवाली पुलिस ने अरविंद पांडेय, अमर पांडेय, जगदीश पांडेय, किसान पांडेय, जयप्रकाश समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ 147/148/149/302/ SC/ST धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए राजकुमार ने न्यायालय की जंग भी लड़ी। लेकिन वह जंग अब सौदेबाजी में बदलकर राह गई है। भाजपा ने मूर्ति देवी के पुत्र राजकुमार को नगर पालिका अध्यक्ष पद पर खड़ा कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी राजकुमार ने चुनाव जीत हासिल करने के लिए अपनी माता की हत्या के मुख्य आरोपी से हाथ मिला लिया है। जिसका नतीजा है बाजपुर नगर पालिका चुनाव में वर्तमान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे अपने पूर्व  दुश्मन के प्रचार में उतर चुके हैं। जब इस मामले में पूर्व सांसद बलराज पासी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि राजकुमार वर्ष 2006 में विपक्षी पार्टी में था। जिसके चलते राजकुमार ने अरविंद पांडे को फसाने के लिए साजिश रची थी। राजकुमार के भाजपा में आने से अरविंद पांडे और राजकुमार के बीच कोई मतभेद नहीं रहा है। और कोर्ट ने भी बरी कर दिया हैं।
बाइट : बलराज पासी …………. पूर्व सांसद, बीजेपी
वीओ 2 : राजकुमार और अरविंद पांडे की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है, जिसका नतीजा है कि दोनों के बीच कई बार करारी जंग भी छिड़ी है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी राजकुमार ने अरविंद पांडे से हाथ मिला लिया है। यह सब कुछ देख कर विपक्षी पार्टी भी दोनों के बीच हुए समझौते को समझ नहीं पा रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि टिकट और चुनाव जीतने के लिए राजकुमार ने अपनी माता की हत्या के आरोपियों को सौदेबाजी कर माफ कर दिया है। ऐसा व्यक्ति चेयरमैन की सीट पर बैठने के काबिल नहीं है। 
बाइट : इंदिरा हृदयेश …………. नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेसकहावत यू ही नही गड़ी जाती, सुनी जरूर होगी आपने भी यह कहावत की सियासत में कोई किसी का आजन्म शत्रु नही होता,  जो यहाँ दिख भी रही है, लेकिन आज भी यह सवाल कायम है कि फिर मूर्ति देवी का कातिल कौन।

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