अंग्रेज़ों के ज़माने का जर्जर पुल कर रहा है हादसे का इंतज़ार, ज़िम्मेदार कौन ?

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उधमसिंह नगर खटीमा (GKM न्यूज़ ) उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा को नेपाल सहित 20 गांव से जोड़ने वाला झनईकया पुल हुआ जर्जर पुल के नीचे के हिस्से में बार-बार आ रही खराबी के चलते पुल पर भारी भारी वाहनों का आवागमन हुआ खतरनाक। कभी भी हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना।पीडब्ल्यूडी विभाग ने पुल की भरत क्षमता से अधिक वजन के वाहनों का आवागमन किया बंद। वहीं स्थानीय जनता का कहना है कि ब्रिटिश कालीन इस झनकईया पुल में कई बार खराबी आ चुकी है। पीडब्ल्यूडी विभाग बार-बार अस्थाई मरम्मत कर पुल पर आवागमन शुरू कर देता है।

यह पुल खटीमा से सीमांत क्षेत्र को जोड़ता है, इस पुल के टूटने से 2 दर्जन से अधिक गांव का खटीमा से संपर्क टूट जाएगा। साथ ही यह पुल खटीमा को नेपाल से भी जोड़ता है। इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा पुल की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस पुल की भारत क्षमता 16.2 टन है। और इस पुल से उसकी भारक क्षमता से दुगने वजन के गन्ने के ट्रक और बसें दिन रात गुजर रही है जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

बयान महेश जोशी स्थानीय निवासी

वही इस पुल की रखरखाव करने वाली एजेंसी पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर का कहना है कि ब्रिटिश कालीन यह पुल 1953 का बना हुआ है, और अपना समय पूरा कर चुका है। इस पुल में पूर्व में भी कई बार दरारे आ चुकी हैं। पुल में जब भी कोई खराबी आती है तो विभाग उसकी तत्काल मरम्मत कर देता है। पुल की भार क्षमता 16.2 टन है। जिसका बोर्ड पुल के दोनों तरफ लगा दिया गया है, साथ ही पुल के दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर भी लगा दिए हैं। पुल से उसकी भारत क्षमता से अधिक के वाहन आवागमन ना करें इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा एक पत्र झनकईया थाने और एसडीएम खटीमा को भेजा गया है।

बयान- सुभाष कुमार जेई पीडब्ल्यूडी विभाग खटीमा

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