आपकी गली के कुत्ते शेल्टर होम नहीं भेजे जाएंगे, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,पूरे देश मे लागू_ लेकिन शर्त है…


गली-मोहल्ले, सोसाइटीज में घूमने वाले आवारा कुत्ते शेल्टर होम में नहीं रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने पुराने फैसले में बदलाव करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें जोड़ी हैं. तीन जजों की बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि जो कुत्ते पकड़े गए हैं, उनमें से किन्हें छोड़ा जाएगा और किन्हें नहीं. कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों को वापस उन्हीं के इलाकों में छोड़ा जाएगा. हालांकि छोड़ने से पहले कुत्तों की नसबंदी की जाएगी. इसके साथ ही सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खिलाने से मनाही रहेगी. न मानने वालों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी. जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने आवारा कुत्तों को पकड़े जाने पर रोक नहीं लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने पकड़े गए आवारा कुत्तों को टीका लगातर वापस उसी इलाके में छोड़ने का (Supreme Court On Stray Dogs) आदेश दिया है, जहां से उनको पकड़ा गया था. बता दें कि यह फैसला तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया है. जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने डॉग लवर्स के हित में यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने वाले अपने ही आदेश में संशोधन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बातों को सख्ती से लागू करने का आदेश भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित है. ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. कुत्तों को सार्वजनिक रूप से भोजन कराने की अनुमति नहीं है. आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थान बनाए जाएंगे।
कुत्तों को वापस छोड़ने पर सुप्रीम आदेश क्या है?
सुप्रीम कोर्ट का आदेश बिल्कुल साफ है. आवारा कुत्तों को उठाया जाएगा. इस पर रोक नहीं लगाई गई है. सभी आवारा कुत्तों को उठाया जाएगा और उनकी नसबंदी-टीकाकरण के बाद वापस छोड़ा जाएगा. कोर्ट ने आदेश दिया है कि उसे उसी इलाके में वापस छोड़ना है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश में कहा था कि सभी आवारा कुत्तों को उठाया जाएगा और उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा. अब ताजा फैसला डॉग लवर्स के लिए बड़ी राहत है।
आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने इस केस को पैन इंडिया बढ़ा दिया है. इसमें सभी राज्यों को शामिल किया है. सारे हाईकोर्ट के मामले सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर होंगे.’
कोर्ट ने आदेश का दायरा बढ़ाया, जो पूरे देश में लागू होगा. कहा, ‘ ये अंतरिम आदेश है. हमने कोर्ट के पिछले आदेश में संशोधन किया है.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आवारा कुत्तों को वैक्सिनेशन के बाद उन्हीं के इलाके में छोड़ा जाएगा.’
कोर्ट ने कहा, ‘रेबिज से ग्रसित और एग्रेसिव कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा.’
कोर्ट ने कहा, ‘रेबिज से ग्रसित और एग्रेसिव कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा.’
सु्प्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सड़क पर खाना खिलाए जाने पर रोक लगाई है. कहा कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को फीडिंग नहीं कराई जा सकेगी.
दिल्ली-एनसीआर के संदर्भ में कोर्ट ने कहा है कि कुत्तों के लिए एमसीडी यानी दिल्ली महानगरपालिका फीडिंग स्पेस बनाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों से आवारा कुत्तों को उठाने के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. ऐसा करने से लोग रोक नहीं सकते.
कुत्तों को पकड़ने से रोकने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वैक्सिनेशन के बाद कुत्ते छोड़ दिए जाएंगे.
जो डॉग लवर /गैर-सरकारी संगठन या याचिकाकर्ता SC मामले की सुनवाई में पक्षकार बनना चाहते हैं, उन्हें कार्यवाही में भाग लेने के लिए भुगतान करना पड़ेगा.
किसी व्यक्ति को केस में पक्षकार बनने के लिए 25,000 रुपये, जबकि एनजीओ को 2 लाख रुपये तक का भुगतान करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शर्त क्या लगाई है?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह शर्त लगाई है कि जो आक्रामक कुत्ते हैं और जिनको रेबीज है, उनको वापस नहीं छोड़ा जाएगा. बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं हेगा, इसका दायरा अब पूरे देश तक रहेगा।
खाना खिलाने पर कोर्ट ने क्या कहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर भी एक लक्ष्मण रेखा खींची है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सार्वजिनक स्थानों पर कुत्तों को खाना नहीं खिलाया जा सकता है. इसकी लिए जगह तय की जानी चाहिए. एमसीडी इसके लिए इंतजाम करे. जो भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है, तो एमसीडी इस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है।


लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: newsgkm@gmail.com