उत्तराखंड में फिर बढ़ेंगे बिजली के दाम ? जानिये क्या होंगे नए रेट..

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उत्तराखंड : ऊर्जा निगम ने बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बुधवार को विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को ही ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में मुहर लगी थी। निगम ने आयोग को बिजली दर में साढ़े बारह प्रतिशत का इजाफा करने का प्रस्ताव भेजा है।

उत्तराखंड में गत एक अप्रैल को ही नई बिजली दरें लागू हुई थीं। इसके बाद देशभर में गहराए बिजली संकट, बाजार में बिजली की कमी से ऊर्जा निगम का आर्थिक गणित गड़बड़ा गया। ऊर्जा निगम ने इसी को बिजली दरें बढ़ाने का आधार बनाया है। ऊर्जा निगम मैनेजमेंट का तर्क है कि उसे अप्रैल में ही बाजार से 386 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी।

साथ ही प्रतिमाह 500 करोड़ रुपये की बिजली नियमित रूप से एनएचपीसी, एनटीपीसी और यूजेवीएनएल से खरीदनी पड़ती है। निगम का कहना है कि इस समय उसे गैस प्लांट से सस्ती मिलने वाली 7.5 एमयू बिजली भी नहीं मिल रही है। गैस प्लांट से छह रुपये प्रति यूनिट के रेट से बिजली मिलती थी। इस कमी को दूर करने के लिए निगम को बाजार से 12 रुपये प्रति यूनिट के ज्यादा की दर पर खरीदनी पड़ रही है।

उत्तराखंड में जनता मंहगाई से त्रस्त है। बिजली-पानी, गैस सबके दाम भी बढ़ाए जा चुके है। अब एक बार फिर जनता को बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही है। मीडिया रिपोर्टस की माने तो ऊर्जा निगम ने एक फिर बिजली की दरें 12 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया है। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को ही ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में मुहर लगी थी। अगर ये प्रस्ताव पारित होता है तो बिजली के बिल में भारी इजाफा हो जाएगा। यदि यूपीसीएल द्वारा प्रस्तावित दामों पर बढ़ोत्तरी की गई तो करीब 70 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में बिजली के दामों को लेकर यूपीसीएल ने बोर्ड में नया प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके तहत निगम ने जल्द बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी की मांग की है। जल्द ही यह प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग भी पहुंच जाएगा। बताया जा रहा है कि राज्य में गत एक अप्रैल को ही नई बिजली दरें लागू हुई थीं। इसके बाद देशभर में गहराए बिजली संकट, बाजार में बिजली की कमी से ऊर्जा निगम का आर्थिक गणित गड़बड़ा गया। ऊर्जा निगम ने इसी को बिजली दरें बढ़ाने का आधार बनाया है। राज्य को बाहर से बिजली खरीदनी पड़ी। इस वित्तीय भार को वहन करने के लिए बिजली दरों में साढ़े 12 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार कर आयोग को भेजा गया है।

गौरतलब है कि अभी 1 महीने पहले ही बिजली के दामों में करीब 2.68% की बढ़ोत्तरी हुई थी। अब एक महीने बाद ही आयोग से दोबारा बिजली के दाम बढ़ाने की पेशकश की गई है। बताया जा रहा है कि यूपीसीएल पर मार्च, अप्रैल व मौजूदा मई महीने में 600 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय भार बढ़ गया है। इसके आगे और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में अब आयोग ने इस भार को कम करने के लिए बिजली दर बढ़ाने की तैयारी की है। हालांकि विद्युत नियामक आयोग में अब तक बिजली के बढ़े हुए दामों से जुड़ी याचिका नहीं आई है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही याचिका मिलने के बाद आयोग बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर विचार शुरू करेगा।

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