CM धामी यहां से लड़ेंगे चुनाव ? जानिए ख़ास वजह ..
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उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ दुबारा सत्ता का सिंघासन हासिल किया , अपनी काबिलियत को साबित करने वाले पुष्कर सिंह धामी पर केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताया , और सूबे की बागडोर सौंपते हुए उत्तराखंड का एक बार फिर से मूख्यमंत्री बनाया। चूंकि CM धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे इसलिए उनको उपचुनाव में उतारना पड़ेगा, ऐसे में कयासों का दौर जारी हुआ कि धामी कहां से लड़ेंगे चुनाव।
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत से उपचुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।अंदरखाने से ख़बर ये है कि पार्टी हाईकमान के सामने वह चम्पावत से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखेंगे। हाईकमान का फैसला ही अंतिम होगा। धामी को इस सीट से चुनाव लड़ने का न्योता विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ही दे चुके हैं। दोबारा मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कुमाऊं में पहली बार पहुंचे धामी ने शुक्रवार को बनबसा मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया। जनसभा के मंच से मौजूदा विधायक गहतोड़ी ने कहा वह अपनी बात पर अडिग हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम धामी अगर चम्पावत सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते हैं, तो वह उनके लिए अपनी सीट छोड़ने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। इसके बाद सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वह विधायक गहतोड़ी का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। कहा वह विधायक के इस प्रस्ताव को हाईकमान के सामने रखेंगे। उपचुनाव लड़ने को लेकर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगा। कहा अगर उन्हें यहां से चुनाव लड़ने का मौका मिलता है, तो उनके लिए इससे बड़े सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है। सीएम ने अंत में विधानसभा चुनाव में भाजपा को दिए प्रचंड बहुमत के लिए जनता का आभार जताया।
इससे तस्वीर साफ है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट पर उपचुनाव का दांव खेल सकते हैं।आपको बता दें कि सीएम बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को पहली बार अपनी संभावित सीट पर आए। इस दौरे से सीएम धामी जनता का मन टटोलते नजर आए।
इस दौरान सीएम धामी ने मंच से चंपावत से जुड़े अपने संबंध जाहिर किये।उन्होनें बताया कि मैं विधायक जी के प्रचार मे कई बार आया हूं और जनता ने हमारी भावनाओं की कद्र की है। मैं चंपावत कि जनता के लिए हमेशा तत्पर हूं, विधायक ने आप लोगों से जो वादे किए हैं वह ज़रूर पूरा करेंगे,सीएम धामी ने मंच से कहा कि मैं चंपावत सीट से लड़ता हूं तो यह मेरा सौभाग्य रहेगा और मां पूर्णागिरि का आशीर्वाद समझुंगा।
हालांकि उपचुनाव की बात को पार्टी हाईकमान के ऊपर डालते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान जिस सीट से चुनाव लड़ने को कहेगी मैं उसी सीट से चुनाव लडूंगा।
आखिर क्यों लड़ेंगे CMधामी इस सीट से चुनाव ,क्या है खास?
देखा जाये तो चंपावत की सीट CM धामी के लिए काफी अनुकूल मानी जा रही है,
चंपावत मात्र मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र और पुराने विधानसभा क्षेत्र से 12 किमी की दूरी पर है।
2- 51% मतदाता टनकपुर और बनबसा में है।
3- जातीय और क्षेत्रीय लिहाज से भी अनुकूल सीट है।
4- सीमांत क्षेत्र होने से फौजियों की अच्छी तादाद इस सीट से लाभदायक है। क्युंकि सैन्य परिवार भाजपा के परंपरागत वोटर है।
6- यह सीट 2017 और 2022 में भाजपा की झोली में बहुत अच्छे मतों से गई है।
इस तरह के तमाम कारण है, जिससे यह सीट सीएम पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव लड़ने के लिये सबसे अनुकूल मानी जा रही हैं ।
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इनसाइड स्टोरी
विधानसभा चुनाव में हुआ भीतर घात.. इन सीटों पर मिले हार के सबूत
उत्तराखंड में भाजपा को जिन 23 विधानसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा, उनमें ज्यादातर सीटें पर संवादहीनता और ध्रुवीकरण को कारण माना गया है। अलबत्ता, कुछ सीटों पर भितरघात को भी वजह बताया जा रहा है। पार्टी के समीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंपनी शुरू कर दी है।
भाजपा ने इन सीटों पर हार की वजह का पता लगाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बतौर समीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी थी। सभी नेता संबंधित विधानसभा सीटों पर जाकर स्थानीय कार्यकर्ता से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
सात से आठ सीटों की रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को सौंप दी गई है, जबकि अन्य सभी सीटों की रिपोर्ट चार अप्रैल तक मिलने की उम्मीद है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ सीटें ऐसी रही, जहां भाजपा के बजाय प्रत्याशियों के खिलाफ एंटी इंकंबेसी नजर आई।
इसमें यमुनोत्री, हरिद्वार ग्रामीण, किच्छा और नानकमत्ता शामिल हैं, जबकि अन्य ज्यादात्तर सीटें पर संवादहीनता को वजह माना जा रहा है। सीएम पुष्कर धामी के खटीमा के अलावा लक्सर सीट पर भी भितरघात के साथ ही संवादहीनता की बात सामने आई है। जसपुर, मंगलौर, ज्वालापुर, पिरान कलियर, झबरेड़ा और हल्द्वानी में ध्रुवीकरण होने से पार्टी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा।
चार सीटों पर रही तीसरे नंबर पर : भाजपा दिग्गज इस बात से अचरज में हैं कि चार विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर कैसे रह गए। इसमें भगवानपुर सीट पर तो पार्टी को सिर्फ 12 फीसदी ही वोट मिले।
भितरघातियों को अहसास कराएगी पार्टी
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिन सीटों पर भितरघात करने वालों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। उनका जवाब-तलब किया जाएगा। संतुष्ट न होने पर ऐसे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को इसका एहसास भी कराया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि एक जिलाध्यक्ष का तो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ आडियो सबूत के तौर पर मिला है।
अभी कुछ सीटों की रिपोर्ट मिली है। चार अप्रैल तक सभी विधानसभा सीटों के रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। ये रिपोर्ट पार्टी अनुशासन समिति को भेजी जाएगी। समिति की सिफारिश के बाद ही रिपोर्ट पर आगे फैसला लिया जाएगा।
अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री, संगठन
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