उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी,इस जिले में अगले दो दिन रेड अलर्ट

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उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। उत्तरकाशी में 7 और 8 मई को भारी से बहुत भारी बारिश, बर्फबारी, बिजली चमकने और ओलावृष्टि का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने अन्य जिलों में 6, 7 और 8 मई को ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम के अलर्ट को देखते हुए चार धाम यात्रा के लिए बैठक में अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार हर प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पुख्ता तैयारियों में जुट गई है।


भारी बारिश के रेड अलर्ट पर आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड में

उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट के मद्देनज़र राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग विनोद कुमार सुमन और राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तरकाशी में 7 और 8 मई को संभावित भारी बारिश, बर्फबारी, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली के मद्देनज़र सभी सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं। अन्य जनपदों में भी 6 से 8 मई के बीच ऑरेंज और येलो अलर्ट को गंभीरता से लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में लगे यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है—यदि बारिश अधिक हो, तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोककर मौसम शांत होने के बाद ही आगे बढ़ाया जाए।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आपदा की स्थिति में सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इसकी शुरुआत टिहरी जिले से हो चुकी है, जहां जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने हर गांव में 5 लोगों का विशेष समूह गठित किया है। ये सदस्य किसी भी आपदा की स्थिति में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को तुरंत जानकारी देंगे। इस प्रणाली के जरिए सही समय पर रेस्क्यू और राहत कार्यों को अंजाम देना संभव होगा।

भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में उपकरण तैनात करने के निर्देश

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जो क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील हैं, वहां पहले से ही जेसीबी और अन्य भारी उपकरण तैनात किए जाएं ताकि किसी भी आपात स्थिति में रास्ता अविलंब खोला जा सके।

लोगों तक मौसम से जुड़ी जानकारी समय पर पहुंचे, इसके लिए “कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल (CAP)” के जरिए SMS भेजे जा रहे हैं। सुमन ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ये अलर्ट सही समय पर आम जनता तक पहुंचे। ग्रामीण इलाकों में व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भी सूचना देने की व्यवस्था की जाएगी।

यदि कोई व्यक्ति भ्रामक या गलत सूचना देता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, यदि यात्रियों को किसी स्थान पर रोका जाता है और वहां दुकानें या भोजन की सुविधा नहीं है, तो प्रशासन को जलपान की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।

मानसून से पहले नालों की सफाई का विशेष अभियान

अभी से नालों की सफाई शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि मानसून के समय जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। वर्तमान बारिश में उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां जलभराव की समस्या ज्यादा है, और उसी आधार पर समाधान की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

आपदा से निपटने के लिए सरकार तैयार, आम जनता से सहयोग की अपील

राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आपदा की हर संभावित स्थिति के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जाएं। आम जनता से भी अनुरोध किया गया है कि वे मौसम संबंधी अलर्ट को गंभीरता से लें, प्रशासन का सहयोग करें, और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सूचना दें।

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